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SEBI: 94 नए मामलों की जांच की शुरू, 2020-21 में  43.6% मामले कीमतों से छेड़छाड़ के

  SEBI की रिपोर्ट के मुताबिक बीते वित्त वर्ष में कुल नए मामलों में 43.6 फीसदी मामले बाजार में गड़बड़ी तथा कीमतों से छेड़छाड़ के थे। इसके अलावा 31 फीसदी मामले भेदिया कारोबार, 3 फीसदी से अधिक अधिग्रहण नियमों के उल्लंघन और शेष 21 फीसदी मामले प्रतिभूति कानूनों से संबंधित अन्य नियमों के उल्लंघनों से संबंधित थे।

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Dhirendra Kumar Mishra

Aug 08, 2021

sebi

ecurities and Exchange Board of India

नई दिल्ली। विभिन्न विभागों से मिली शिकायतों के आधार पर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ( SEBI ) ने वित्त वर्ष 2020-21 में प्रतिभूति कानून उल्लंघन के 94 नए मामलों की जांच शुरू की है। यह आंकड़ा वित्तीय वर्ष 2019-20 से 42 प्रतिशत कम है। SEBI की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक ये सभी मामले प्रतिभूति कानून के उल्लंघन से संबंधित थे। इनमें बाजार में गड़बड़ी और कीमतों से छेड़छाड़ के मामले भी शामिल हैं। अभी तक कुल 140 मामलों की जांच में 43.6 फीसदी मामले कीमतों में छेड़छाड़ के हैं।

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31% मामले भेदिया कारोबार के

सेबी ( SEBI ) की ताजा वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया है कि 2020-21 में प्रतिभूति नियमों के उल्लंघन के 94 नए मामलों की जांच की गई। इस दौरान 140 मामलों की जांच पूरी हो गई। इससे पिछले वित्त वर्ष 2019-20 में 161 नए मामलों की जांच शुरू हुई थी तथा 170 मामलों की जांच पूरी की गई थी। SEBI की रिपोर्ट के मुताबिक बीते वित्त वर्ष में कुल नए मामलों में 43.6 फीसदी बाजार में गड़बड़ी तथा कीमतों से छेड़छाड़ के थे। 31 फीसदी मामले भेदिया कारोबार के उल्लंघन तथा 3 फीसदी से अधिक अधिग्रहण नियमों के उल्लंघन के थे। शेष 21 फीसदी मामले प्रतिभूति कानूनों से संबंधित अन्य नियमों के उल्लंघनों के थे।

कहां से मिलती है सेबी को शिकायत

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ( SEBI ) को नियमों के उल्लंघन की जानकारी जानकारी इंटिग्रेटेड सर्विलांस डिपार्टमेंट और अन्य ऑपरेशनल डिपार्टमेंट से मिलती है। सेबी का काम गलत कर रहे इंडिविजुअल या फिर एंटिटी को पकड़ना है। इसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है। सेबी मामले की गहराई तक जाने के लिए मार्केट डेटा, बैंक अकाउंट डिटेल, ट्रांजैक्शन स्टेटमेंट और एक्सचेंज रिपोर्ट समेत तमाम डेटा को खंगालने का काम करती है। जांच के आधार पर संबंधित एजेंसियों मामले के खिलाफ कार्रवाई का सुझाव सेबी को देती हैं। वित्त वर्ष 2020-21 में 225 मामले की जांच की थी जबकि 125 मामलों को रफादफा कर दिया गया था। मार्च 2021 के अंत में कुल 476 मामले पेंडिंग थे।

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