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Shashi Ruia Death: Essar ग्रुप के Co-Founder शशि रुइया का निधन, भाई के साथ मिलकर अरबों का साम्राज्य खड़ा किया

Shashi Ruia Death: Essar ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 25 नवंबर को 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। साल 1969 में भाई रवि रुइया के साथ एस्‍सार ग्रुप की नींव रखने वाले शशि की गिनती भारत के बड़े बिजनेसमैन में होती है।

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मुंबई

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Ratan Gaurav

Nov 26, 2024

Shashi Ruia death

Shashi Ruia Death: एस्‍सार ग्रुप के सह-संस्थापक और भारतीय उद्योग जगत के प्रतिष्ठित चेहरे शशि रुइया का 25 नवंबर को 80 वर्ष की उम्र में निधन (Shashi Ruia Death) हो गया। उनके निधन की खबर ने कारोबारी जगत में शोक की लहर फैला दी है। एस्सार समूह ने अपने आधिकारिक बयान में शशि रुइया (Shashi Ruia Death) के योगदान को याद करते हुए उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की हैं।

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व्यावसायिक जीवन की शुरुआत (Shashi Ruia Death)

शशि रुइया (Shashi Ruia Death) का जन्म एक समृद्ध व्यापारिक परिवार में हुआ था। उन्होंने 1965 में अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में व्यापार की शुरुआत की। इसके बाद, 1969 में उन्होंने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार ग्रुप की नींव रखी। इस समूह ने बाद में स्टील, ऊर्जा, तेल एवं गैस, पोर्ट्स, इंफ्रास्ट्रक्चर और टेलीकॉम जैसे क्षेत्रों में अपनी मजबूत पहचान बनाई है।

अंतरास्ट्रीय स्तर पर पहचान

Essar ग्रुप को अंतरास्ट्रीय स्तर पर खड़ा करने में शशि रुइया (Shashi Ruia Death) की रणनीतिक सोच और नेतृत्व क्षमता ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कारोबार को भारत के बाहर फैलाने और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। एस्सार ग्रुप ने उनकी अगुवाई में न केवल भारत में, बल्कि अमेरिका, कनाडा, यूरोप, अफ्रीका और एशिया में भी अपनी मौजूदगी दर्ज की।

शशि रुइया का नेतृत्व और योगदान

शशि रुइया (Shashi Ruia Death) को एक दूरदर्शी और साहसिक नेतृत्वकर्ता के रूप में जाना जाता था। वह भारत के उद्योग जगत में एक प्रेरणास्त्रोत थे। उन्होंने अपनी विशेषज्ञता और अनुभव के माध्यम से एस्सार को कई कठिनाइयों से उबारा और इसे एक मल्टी-बिलियन डॉलर कंपनी में तब्दील किया। रुइया फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) की मैनेजिंग कमेटी में शामिल थे और इंडो-यूएस ज्वाइंट बिजनेस काउंसिल के चेयरमैन के रूप में भी कार्यरत रहे। इसके अलावा, वे इंडियन नेशनल शिपओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष और प्राइम मिनिस्टर इंडिया-यूएस सीईओ फोरम एवं इंडिया-जापान बिजनेस काउंसिल के सदस्य भी रह चुके थे।

शशि रुइया का व्यक्तिगत जीवन

शशि रुइया का जीवन सादगी और अनुशासन से परिपूर्ण था। वे अपने कर्मचारियों के प्रति संवेदनशील और समाज के प्रति उत्तरदायी थे। उनके नेतृत्व में एस्सार ने न केवल आर्थिक तरक्की की, बल्कि सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शशि रुइया हमेशा से ही नवाचार और तकनीकी उन्नति के पक्षधर थे। उन्होंने एस्सार में आधुनिक तकनीकों और प्रक्रियाओं को अपनाकर इसे भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप ढालने का काम किया।

श्रद्धांजलि और अंतिम संस्कार

शशि रुइया का पार्थिव शरीर प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए मुंबई के वालकेश्वर स्थित बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम यात्रा उनके निवास "रुइया हाउस" से शाम 4 बजे शुरू होकर हिंदू वर्ली श्मशान घाट पहुंचेगी। उनके निधन पर देश के प्रमुख उद्योगपतियों, व्यापार संगठनों और राजनीतिक हस्तियों ने गहरा शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने शशि रुइया के निधन को भारतीय उद्योग जगत के लिए एक बड़ी क्षति बताया और उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं प्रकट की है।

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Essar समूह का भविष्य

शशि रुइया के निधन के बाद, एस्सार ग्रुप का संचालन उनके भाई रवि रुइया और अन्य शीर्ष नेतृत्व के हाथों में रहेगा। उनके सिद्धांत और कार्यप्रणाली कंपनी के लिए प्रेरणास्त्रोत बने रहेंगे।

शशि रुइया का भारतीय उद्योग जगत पर प्रभाव

शशि रुइया ने अपने दृढ़ निश्चय और व्यवसायिक कौशल से भारतीय उद्योग जगत में जो मुकाम हासिल किया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनका योगदान केवल एस्सार तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने भारत को एक मजबूत और आत्मनिर्भर औद्योगिक राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी सोच, नेतृत्व और समर्पण ने भारतीय उद्योग में नए मापदंड स्थापित किए हैं। उनके योगदान को आने वाले समय में हमेशा याद किया जाएगा।