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आदतें छोटी, नुकसान बड़ा: आपकी जेब से चुपचाप निकल रहा है पैसा

रोजमर्रा के छोटे-छोटे खर्च अक्सर नजरअंदाज हो जाते हैं, लेकिन यही आदतें समय के साथ हजारों रुपयों का रूप ले लेती हैं और आपकी बचत और भविष्य की योजनाओं पर भारी पड़ सकती हैं।

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भारत

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Thalaz Sharma

Dec 25, 2025

small expenses big loss

रोज 100–200 रुपये के खर्च लंबे समय में जेब खाली कर सकते हैं। (PC: Freepik)

दिखने में मामूली लगने वाले रोजमर्रा के खर्च लंबे समय में आपकी आर्थिक स्थिति को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं। खर्चे जैसे एक्स्ट्रा कॉफी, फूड डिलीवरी, या छोटी-छोटी ऑनलाइन खरीदारी आपकी बचत को धीरे-धीरे खोखला कर देते हैं। ये छोटे दिखने वाले खर्च लंबे समय में सैकड़ों और हजारों रुपये का बड़ा रूप ले लेते हैं। इन खर्चों की वजह से कुछ आर्थिक लक्ष्यों से भी हाथ धोना पड़ सकता है।

छोटे खर्च जो समय के साथ लाखों में बदल जाते हैं

रोज के 100-200 रुपये के खर्च जैसे कॉफी ब्रेक, ऑफिस लंच या अचानक की गई खरीदारी साल के अंत तक 50,000 से 70,000 रुपये तक पहुंच सकते हैं। ये खर्च अक्सर नजर में नहीं आते, लेकिन यही छोटी रकम आपके निवेश, छुट्टी मनाने या भविष्य की योजनाओं के लिए रखी बचत को खत्म कर देती है। ऐसे में खर्च की रकम नहीं, बल्कि खर्च का दोहराव मुख्य समस्या है।

सोशल लाइफ और क्रेडिट कार्ड: खर्च बढ़ाने वाले दो बड़े कारण

बिना सोचे-समझे सोशल खर्च जैसे बाहर खाना, दोस्तों के बिल खुद भर देना या जरूरत से ज्यादा गिफ्ट देना मासिक बजट पर दबाव बढ़ाता है। वहीं, क्रेडिट कार्ड से की गई खरीदारी या आसान EMI खर्च को और महंगा बना देती है। जहां आसान किस्तों के पीछे लगने वाला ब्याज खर्च को और बढ़ा देता है।

बजट और इमरजेंसी फंड का अभाव

बिना बजट के खर्च करने से यह पता ही नहीं चलता कि पैसा कहां जा रहा है। यही वजह है कि ऊंची आय वाले लोग भी आर्थिक दबाव महसूस करते हैं। इसके अलावा, इमरजेंसी फंड न होने पर मेडिकल इमरजेंसी या नौकरी जाने जैसी स्थिति में महंगे कर्ज का सहारा लेना पड़ता है। विशेषज्ञों के अनुसार 6 से 12 महीने के खर्च के बराबर इमरजेंसी फंड मौजूद होना चाहिए।