राजन ने यहां आईआईटी दिल्ली के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि श्रम शक्ति और पूंजी और उत्पादन के अन्य कारकों पर निवेश कर क्षणिक विकास हासिल किया जा सकता है। चूंकि, भारतीय अर्थव्यवस्था अभी भी सीमांत उत्पादन की स्थिति से काफी पीछे है, इसलिए पश्चिमी देशों की तकनीकों का अनुकरण कर हम कुछ ज्यादा समय तक विकास कर सकते हैं, लेकिन चिरस्थायी विकास के लिए इन कारकों के बीच कुशलतापूर्वक सामांजस्य बिठाना जरूरी है।