
UK India FTA (Image Source: Patrika)
India-UK Free Trade Agreement: भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते (India-UK Free Trade Agreement) को भारतीय औद्योगिक संगठनों ने एक "परिवर्तनकारी मील का पत्थर" बताया है। उद्योग जगत के नेताओं का मानना है कि यह समझौता न सिर्फ द्विपक्षीय व्यापार को मजबूत करेगा, बल्कि निवेश, निर्यात (Gems and Jewellery Export) और रोजगार के नए रास्ते भी खोलेगा। वहीं भारत के नगीनों-जेवरात बाजार विशेषकर जयपुर के जौहरियों (Jaipur Jewellery Market)को इससे लाभ होने की उम्मीद है। भारत-यूके सीईओ फोरम के सह-अध्यक्ष और भारती एंटरप्राइजेज के संस्थापक सुनील भारती मित्तल ने कहा कि यह समझौता बाजारों तक पहुच आसान करेगा, नवाचार को बढ़ावा देगा और नई पीढ़ी की साझेदारियों का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने इसे एक आधुनिक और दूरदर्शी व्यापार समझौता बताया है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने इस एफटीए को द्विपक्षीय संबंधों में एक निर्णायक मोड़ बताया। उन्होंने कहा कि इससे डिजिटल टेक्नोलॉजी, ग्रीन एनर्जी, जीवन विज्ञान और उन्नत विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ेगा। यह समझौता समावेशी विकास और औद्योगिक बदलाव के लिए एक मज़बूत आधार बनेगा।
रत्न व आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (GJEPC) के अध्यक्ष किरीट भंसाली ने इस एफटीए को "ऐतिहासिक अवसर" बताया। उन्होंने अनुमान लगाया कि वर्तमान में ब्रिटेन को होने वाला रत्न-आभूषण निर्यात 941 मिलियन डॉलर से बढ़कर तीन साल में 2.5 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। यह पूरी तरह से शुल्क रियायतों की वजह से संभव होगा।
ब्रिटेन की मशहूर शराब कंपनियां जैसे डियाजियो और चिवास ब्रदर्स ने भारत में स्कॉच व्हिस्की पर लगने वाले भारी टैक्स में कटौती का स्वागत किया है। अब 150% टैक्स को धीरे-धीरे घटा कर 40% तक लाया जाएगा। डियाजियो के अंतरिम सीईओ ने इसे "स्कॉच और स्कॉटलैंड दोनों के लिए खास पल" कहा।
ब्रिटेन की एयरोस्पेस कंपनी रोल्स-रॉयस के सीईओ ने कहा कि एफटीए की मदद से भारत के साथ ऊर्जा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में साझेदारी और गहरी होगी। इससे दोनों देशों की कंपनियों को अनुसंधान और तकनीकी सहयोग में तेजी मिलेगी।
इस समझौते में एक बड़ा फ़ायदा यह भी है कि अब भारतीय पेशेवर तीन वर्षों तक ब्रिटेन में काम करते हुए भी भारत की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में योगदान दे सकेंगे। इससे भारतीय कामगारों को राहत मिलेगी और लॉन्ग-टर्म प्लानिंग आसान होगी।
भारत का रत्न और आभूषण उद्योग विश्व का सबसे बड़ा हीरा कटिंग और पॉलिशिंग केंद्र है, जो वैश्विक आपूर्ति का लगभग 90% हिस्सा तैयार करता है। यह क्षेत्र देश के कुल निर्यात में 10-12% का योगदान देता है और करीब 50 लाख लोगों को रोजगार देता है। वर्ष 2023-24 में भारत का रत्न और आभूषण निर्यात लगभग 36.96 बिलियन डॉलर रहा। जयपुर खासतौर पर रंगीन रत्नों जैसे रूबी, एमेराल्ड और सफायर के व्यापार के लिए मशहूर है। यहां हाथ से तैयार रत्न और जड़ाऊ आभूषणों का बड़ा बाजार है, जो अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों को आकर्षित करता है। जयपुर का कुल कारोबार साल 2023-24 में करीब ₹40,000 करोड़ के पार पहुंच गया। अमेरिका, यूरोप और खाड़ी देशों में जयपुर से रत्न और आभूषणों का निर्यात होता है।
अब जबकि यह समझौता ब्रिटिश संसद से स्वीकृत हो चुका है, भारतीय और ब्रिटिश कारोबारी संगठन इस एफटीए को जल्द लागू करने की अपील कर रहे हैं। व्यापारियों का मानना है कि इससे रोजगार, निवेश और दोतरफा कारोबारी रिश्ते एक नई ऊंचाई पर पहुँचेंगे।
Updated on:
24 Jul 2025 07:51 pm
Published on:
24 Jul 2025 07:50 pm
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