
भारत व यूके कारोबार समझौते के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व कीर स्टार्मर। (फोटो: X Handle Mega Updates.)
India UK Free Trade Agreement 2025: भारत और ब्रिटेन के बीच हुआ मुक्त व्यापार समझौता (India UK Free Trade Agreement FTA) दोनों देशों के लिए गेमचेंजर माना जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Modi) ने कहा कि इससे व्यापार की लागत घटेगी और दो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच विश्वास और सहयोग को मजबूती मिलेगी। लंदन में उनके ब्रिटिश समकक्ष सर कीर स्टारमर के साथ हस्ताक्षरित इस समझौते (India UK Free Trade Agreement 2025) को दोनों देशों ने ऐतिहासिक करार दिया है। इस समझौते के बाद, यूरोपीय विमान निर्माता एयरबस (Airbus Rolls Royce India Deal) और ब्रिटेन की रोल्स रॉयस ने भारत की एयरलाइनों को विमान और इंजन की आपूर्ति के लिए लगभग 5 अरब पाउंड (करीब ₹53,000 करोड़) के सौदों पर हस्ताक्षर किए हैं। इस (India UK FTA 2025)से भारत को अत्याधुनिक विमानों की आपूर्ति सुनिश्चित होगी और ब्रिटेन में रोजगार के हजारों नए अवसर बनेंगे। एयरबस और रोल्स रॉयस को बड़े सौदे मिले हैं, जबकि किसानों, आईटी और मछलीपालन क्षेत्र को भी राहत मिलेगी।
ब्रिटेन की कार्बन क्लीन, जो कार्बन उत्सर्जन को कम करने वाली तकनीक पर काम करती है, मुंबई ऑफिस में 7.6 मिलियन GBP निवेश करेगी। इसी तरह मेडिकल टेक्नोलॉजी कंपनी ऑक्युइटी ने भारत की कंपनी रेमिडियो के साथ 74.3 मिलियन GBP के सौदे किए हैं।
विशेष रसायन निर्माता जॉनसन मैथी भारत में 4 मिलियन GBP का निवेश करेगी और इससे लगभग 20,000 नई नौकरियां पैदा होंगी। इवेंट मैनेजमेंट फर्म मार्कस इवांस ग्रुप भी मुंबई में नया कार्यालय खोलेगी, जिसकी निर्यात और निवेश पाइपलाइन लगभग 69 मिलियन GBP की होगी।
एफटीए के बाद 18 भारतीय कंपनियों ने ब्रिटेन में निवेश की घोषणा की है। केरल स्थित AI स्टार्टअप डीक्यूब एआई मैनचेस्टर और लंदन में 5 मिलियन GBP लगाएगी। आईटी फर्म एलटीआईमाइंडट्री लंदन में 1 मिलियन GBP का निवेश कर 300 नौकरियां पैदा करेगी, जबकि ऑरियनप्रो ब्रिटेन में ऑफिस खोलने और 150+ नौकरियों के लिए 20 मिलियन GBP का निवेश करेगी।
एफटीए के तहत ब्रिटेन ने भारत की 95% कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य वस्तुओं पर टैरिफ हटाने पर सहमति दी है। हल्दी, काली मिर्च, इलायची, आम का गूदा, अचार और दालों जैसे उत्पाद अब ब्रिटिश प्रीमियम बाजार में आसानी से पहुंच सकेंगे। इससे किसानों को अच्छी कीमत और निर्यात में बढ़त मिलेगी।
भारत के तटीय राज्यों जैसे आंध्र प्रदेश, ओडिशा, केरल और तमिलनाडु के मछुआरों को भी फायदा होगा। झींगा और टूना जैसे समुद्री उत्पाद अब ब्रिटेन के बाजार में शुल्क-मुक्त पहुंच सकेंगे, जिससे निर्यात में इजाफा होगा।
हालांकि भारत ने ब्रिटेन से आने वाले डेयरी उत्पाद, सेब, जई और खाद्य तेलों पर कोई रियायत नहीं दी है। सरकार का कहना है कि यह निर्णय घरेलू किसानों को संरक्षण देने के लिए लिया गया है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री स्टारमर ने कहा कि इस समझौते से दोनों देशों के लोगों की आय और जीवन स्तर में बढ़ोतरी होगी। ब्रिटेन में भारतीय वस्तुओं — जैसे कपड़े, जूते और मसालों की कीमतें कम होंगी, जिससे उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा।
बहरहाल भारत-यूके एफटीए न केवल कंपनियों और सरकारों के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह आम किसानों, मछुआरों, कर्मचारियों और उपभोक्ताओं के लिए भी एक बड़ा अवसर लेकर आया है। यह समझौता दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा देगा।
Published on:
24 Jul 2025 08:46 pm
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