8th Pay Commission में कर्मचारियों की पेंशन से जुड़ी एक बड़ी पुरानी मांग पूरी हो सकती है। सरकार ने आश्वस्त किया है कि कर्मचारी के रिटायरमेंट के बाद होने वाली कम्युटेशन प्रक्रिया की अवधि 15 से 12 साल करने पर विचार किया जा सकता है। इसे 8वें वेतन आयोग के Terms of Reference (ToR) में शामिल किया जा सकता है। कम्युटेशन प्रक्रिया में जब कोई कर्मचारी रिटायर होता है तो उसे अपनी पेंशन का एक हिस्सा एकमुश्त राशि के रूप में लेने का विकल्प मिलता है, जिसे कम्युटेड पेंशन कहते हैं। फिर सरकार 15 साल की अवधि में पेंशन का 40 फीसद हिस्सा काटकर उसकी रिकवरी करती है। इसी मियाद को 15 से घटाकर 12 साल करने की मांग चली आ रही है।
Standing Committee of Voluntary Agencies (SCOVA) की 34वीं मीटिंग में केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कर्मचारियों को आश्वस्त किया कि 8वां वेतन आयोग कम्युटेशन पेंशन पर उनकी डिमांड पर विचार कर सकता है। 5वें वेतन आयोग और कई राज्य सरकारों ने कम्युटेशन पेंशन के रिकवरी पीरियड को घटाकर 15 से 12 साल करने की सिफारिश की थी।
एजी ऑफिस ब्रदरहुड के पूर्व अध्यक्ष हरिशंकर तिवारी ने बताया कि कम्युटेशन पेंशन वह हिस्सा है जिसकी सरकार रिकवरी करती है। रिकवरी उस अमाउंट की होती है जो कर्मचारी को रिटायरमेंट के समय एकमुश्त मिलती है और बाकी पर पेंशन निर्धारण हो जाता है। उसके बाद पेंशन की रकम तय होने के बाद सरकार उसका 40 फीसदी रिकवरी के लिए काट लेती है।
तिवारी ने बताया कि सरकार की यह रिकवरी ब्याज के साथ 11 से 12 साल के भीतर पूरी हो जा रही है। कर्मचारी यही डिमांड कर रहे थे कि कर्मचारी की पूरी पेंशन शुरू करने के लिए 15 साल के बजाय 12 साल ही इंतजार कराया जाए। क्योंकि रिकवरी तो पहले ही हो जा रही है। ऐसा लगता है कि सरकार अब कर्मचारियों की इस डिमांड पर गौर कर रही है और इसे घटाया जा सकता है। ऐसा होने से रिकवरी पीरियड 12 साल हो जाएगा और इतना समय बीतने के बाद पेंशन पूरी मिलने लगेगी।
Updated on:
10 Jun 2025 02:19 pm
Published on:
08 Jun 2025 07:58 pm