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Big News: बदल गया PG Course, चार साल के ग्रेजुएशन के बाद कर सकते हैं एक साल का पीजी, जानिए नियम  

PG Course: एनईपी के तहत यूजीसी द्वारा पीजी कोर्स में बदलाव किए जा रहे हैं। अब कॉलेज द्वारा दो साल और एक साल का पीजी प्रोग्राम डिजाइन किया जा सकता है। जानिए, पीजी कोर्स में क्या बदला जाएगा

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PG Course

PG Course: अगर आप भी ग्रेजुएशन कर चुके हैं और पीजी करने का मन बना रहे हैं तो ये खबर आपके काम की है। एनईपी के तहत यूजीसी द्वारा पीजी कोर्स में बदलाव किए जा रहे हैं। अब कॉलेज द्वारा दो साल और एक साल का पीजी प्रोग्राम डिजाइन किया जा सकता है। ऐसे में अगर आप भी पीजी कोर्स में दाखिला लेने जा रहे हैं तो सबसे पहले जान लें ये बदलाव क्या है।

एक साल का पीजी कोर्स कर सकते हैं छात्र (One Year PG Course Programme)

पीजी पाठ्यक्रम के नए डिजाइन के तहत अब कॉलेजों को ये छूट होगी कि वे अलग-अलग तरह के पीजी प्रोग्राम शुरू करें। अगर आपने तीन साल का ग्रेजुएशन कोर्स किया है तो आप दो साल का पीजी कोर्स (2 Year PG Course) चुन सकते हैं, जिसमें दूसरे साल आप अपना फोकस सिर्फ और सिर्फ रिसर्च वर्क पर रख सकते हैं। हालांकि, एक वर्षीय स्नातकोत्तर कोर्स में बीई-बीटेक वाले छात्र दाखिला नहीं ले सकते। बीई-बीटेक को छोड़ अन्य सभी ऑनर्स कोर्स वाले छात्र एक साल के स्नातकोत्तर प्रोगाम में दाखिला ले सकते हैं।

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वहीं आपने चार साल का ऑनर्स या रिसर्च के साथ ऑनर्स प्रोग्राम किया है तो आपके लिए एक साल के पीजी कोर्स भी उपलब्ध होंगे। इस तरह कई छात्रों के समय की बचत होगी। साथ ही नए शैक्षणिक सत्र से पांच साल का इंटीग्रेटेड बैचलर और मास्टर प्रोग्राम भी होगा। इस तरह छात्र एक साथ दो डिग्रियां ले सकते हैं।

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बीच में पढ़ाई छोड़ने का रहेगा विकल्प

NEP 2020 में पीजी कोर्सेज (PG Courses) में बदलाव की सिफारिश की गई है, जिसमें छात्रों के पास 1 साल का पीजी कोर्स, 2 साल का पीजी कोर्स या पीजी डिप्लोमा करने का विकल्प मौजूद होगा। इसके अलावा छात्रों के पास कोर्स के पहले साल के बाद पढ़ाई छोड़ने की भी आजादी होगी।

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पीजी कोर्स में क्या हुआ है बदलाव (PG Course)

एनईपी के तहत, अगर कोई छात्र चाहे तो एक विषय से दूसरे विषय में जा सकता है। ग्रेजुएशन में मेजर और माइनर विषय लेने वाले छात्र पीजी में किसी एक को चुन सकते हैं। नए करिकुलम में आप अपने पसंद का विषय चुन सकते हैं। साथ ही ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से पढ़ाई करने का विकल्प रहेगा। UGC के नियमों के मुताबिक, आप अलग-अलग विश्वविद्यालयों में भी पढ़ाई कर सकेंगे।

क्या है शिक्षा मंत्रालय का कहना? (Education Minister)

लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2024) के बाद शिक्षा मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद से केंद्रीय शिक्षा मंत्री (Union Education Minister) धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने एनईपी को लागू करने में तेजी लाने का दावा किया है। प्रधान ने कहा कि आयोग का स्वरूप तैयार हो गया है। इसे लेकर सभी मंत्रालयों और विशेषज्ञों के साथ लंबी चर्चा भी की जा चुकी है। यह पूरी तरह से तैयार है। मंत्रालय जल्द इसे लेकर आगे बढ़ेगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में ही इसके गठन की सिफारिश की गई थी। एनईपी (NEP 2020) के तहत अलग-अलग नियामकों के बीच बिखरे उच्च शिक्षा के ढांचे को एक दायरे में लाने के लिए प्रस्तावित भारतीय उच्च शिक्षा आयोग (HECI) के गठन पर केंद्र सरकार एक बार फिर से विचार कर रही है। इस संबंध में शिक्षा मंत्री ने कहा आयोग का स्वरूप तैयार हो गया है। इसे लेकर मंत्रालय और विशेषज्ञों के साथ चर्चा हो गई है। मंत्रालय जल्द ही इसे लेकर आगे बढ़ेगा। एनईपी में इसके गठन की सिफारिश की गई थी।