
NCERT Director Kon Hai: एनसीईआरटी की पुस्तक से बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) का जिक्र हटा दिया गया है। इस मामले को लेकर एनसीईआरटी चीफ की प्रतिक्रिया सामने आने के बाद से वे चर्चा में हैं। आइए, जानते हैं कौन हैं एनसीईआरटी निदेशक दिनेश सकलानी (Dinesh Saklani) और वे कितने पढ़े लिखे हैं।
फरवरी 2022 में एनसीईआरटी ने दिनेश सकलानी को निदेशक (NCERT Director) के रूप में 5 वर्षों के लिए चुना था। किसी शैक्षणिक संस्थान के लीडर के रूप में ये उनका पहला अनुभव है। हालांकि, उन्होंने कई मौकों पर एनसीईआरटी के लिए काम किया है। उन्होंने सीबीएसई के लिए एक ऐतिहासिक एटलस विकसित करने के लिए एनसीईआरटी की परियोजना पर काम किया था। एनसीईआरटी चीफ (NCERT Director) बनाए जाने से पहले वे उत्तराखंड स्थित एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय (HNB Garhwal University) के इतिहास के प्रोफेसर के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने 8 सालों तक टूरिज्म विभाग में भी पढ़ाया है। साथ ही एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय के आईएएस कोचिंग सेंटर (IAS Coaching Centre) में भी उनकी भूमिका रही है।
दिनेश सकलानी (Dinesh Saklani) की तीन पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी हैं। इनमें से एक पुस्तक मध्य हिमालय क्षेत्र के प्राचीन समुदाय पर आधारित है। वहीं उन्होंने रामायण पर आधारित कई शोध परियोजना में भी काम किया है।
एनसीईआरटी के स्वायत्त संस्था है जो शिक्षा मंत्रालय द्वारा द्वारा पोषित है। सीबीएसई बेस्ड सभी स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें पढ़ाई जाती हैं। ये संस्था केंद्र सरकार के साथ मिलकर स्कूल करिकुलम और पाठ्यपुस्तक संबंधित सभी
बता दें कि 12वीं कक्षा की सामाजिक विज्ञान की एनसीईआरटी की किताब में बाबरी मस्जिद (NCERT Books Babri Masjid Topic) का नाम हटा दिया गया है। अब नई किताबों में इसे ‘तीन गुंबद वाला ढांचा’ कहा गया है। वहीं अयोध्या वाले चैप्टर को छोटा करके चार पेज से केवल दो में कर दिया गया है। इस संशोधन को लेकर दिनेश सकलानी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में इतिहास तथ्यों से अवगत कराने के लिए पढ़ाया जाता है, न कि इसे युद्ध का मैदान बनाने के लिए। उन्होंने कहा कि पाठ्यपुस्तकों में संशोधन विषय विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है। उन्होंने कहा कि उनका इस प्रक्रिया में कोई हस्तक्षेप नहीं है।
Published on:
17 Jun 2024 12:50 pm
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