
(चंडीगढ): पंजाब के आम आदमी पार्टी विधायक अमन अरोडा मंगलवार को एसवाईएल कैनाल के मुद्ये पर पार्टी नेता अरविन्द केजरीवाल की राय के विपरीत ही बोले। जहां केजरीवाल इन दिनों कह रहे हैं कि एसवाईएल पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला माना जाएगा, वहीं अमन अरोडा ने कहा कि पंजाब की नदियों के पानी में हरियाणा का हक नहीं है, क्योंकि वह नान रिपेरियन स्टेट है। साथ ही उन्होंने एसवाईएल कैनाल के निर्माण में भागीदारी के लिए कांग्रेस व अकाली दल को कठघरे में खडा किया।
यहां पत्रकारवार्ता में अमन अरोडा ने आम आदमी पार्टी को पंजाब के पानी को लेकर वास्तविक चिंता करने वाली पार्टी के रूप में पेश करने का प्रयास भी किया। उन्होंने कहा कि एसवाईएल कैनाल के निर्माण में अपनी सरकारों के दौरान सहयोग करते हुए अकाली दल और कांग्रेस ने पंजाब के हितों को दरकिनार किया।
पंजाब नहीं कर पा रहा पूरे आवंटित जल का उपयोग
एसवाईएल कैनाल को लेकर प्रतिद्वंद्वी दलों पर प्रहार करने के साथ ही अरोडा ने कहा कि वर्ष 1981 के त्रिपक्षीय समझौते में पंजाब को जितना पानी आवंटित किया गया था उसका भी पूरा उपयोग पंजाब नहीं कर पा रहा है। पंजाब उसे आवंटित नदी जल में से आठ फीसदी कम उपयोग कर रहा है जबकि हरियाणा उसे आवंटित हिस्से में से आठ फीसदी अधिक उपयोग कर रहा है।
ना बनी नीति तो रेगिस्तान में तब्दील होगा पंजाब
अरोडा ने कहा कि पंजाब में पानी की स्थिति भयावह हो गई है। इसके बावजूद पंजाब की कोई जलनीति नहीं है। अगर समय रहते जल नीति नहीं बनाई गई तो पंजाब जल्दी ही रेगिस्तान में बदल जायेगा। अब तक प्रदेश में 56 डार्क जोन बन गए है। हर साल 29 एमएएफ भूमिगत जल का दोहन किया जा रहा है और इस कारण हर साल भूमिगत जल सवा फीट नीचे जा रहा है। इसका कारण यह है कि पंजाब में 73 फीसदी सिंचाई 14 लाख ट्यूबवैलों से होती है। अरोडा ने कहा कि पंजाब की जलनीति का मुद्या विधानसभा में उठाया जाएगा। इस सिलसिले में मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह को पत्र भी लिखा गया है।
सीएम के अकाली नेताओं से मिले होने का आरोप लगाया
एसवाईएल पर पार्टी नेता केजरीवाल के रूख के विपरीत बोलने के सवाल पर अमन अरोडा ने कहा कि सभी दल यही कर रहे है। एक ही पार्टी के नेता पंजाब में कुछ तो हरियाणा में कुछ और बोल रहे है। गुरूग्रंथ साहिब के अपमान और सिखों पर पुलिस फायरिंग के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखवीर बादल के एसआईटी के सम्मन पर उपस्थित होने के फैसले पर अरोडा ने कहा कि बादल और मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह मिले हुए हैं और इसलिए उनके एसआईटी के समक्ष हाजिर होने में कोई खतरा नहीं है।
Published on:
13 Nov 2018 08:21 pm
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