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अकाली दल से मुंह मोड रहे हैं वरिष्ठ नेता, बैठकों में नहीं करवा रहे मौजूदगी दर्ज

इस असंतोष के चलते अकाली दल अध्यक्ष सुखवीर बादल ने पद छोडने की पेशकश भी कर दी है...

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sukhbir singh badal

sukhbir singh badal

(चंडीगढ): पंजाब में वर्ष 2015 में भले ही अकाली दल के नेंतृत्व वाली सरकार ने गुरूग्रंथ साहिब की बेअदबी और सिखों पर पुलिस फायरिंग के मुद्यों को नजरअंदाज करने में कामयाबी हासिल कर ली थी लेकिन अब विपक्ष में तीसरे नम्बर पर बैठे अकाली दल को न केवल आम सिखों के बीच अपने को खडे रख पाना मुश्किल हो रहा है वहीं पार्टी में अंदरूनी असंतोष भी है। वरिष्ठ नेता न केवल पार्टी के पदों से इस्तीफा दे रहे हैं बल्कि पार्टी की बैठकों में भी मौजूदगी दर्ज नहीं करवा रहे है। इस असंतोष के चलते अकाली दल अध्यक्ष सुखवीर बादल ने पद छोडने की पेशकश भी कर दी है।

सुखवीर बादल ने शनिवार को अमृतसर में शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी के सदस्यों और पार्टी विधायकों की बैठक आयोजित की थी लेकिन असंतुष्ट वरिष्ठ नेता नहीं पहुंचे। इस मौके पर पार्टी पदों से वरिष्ठ नेताओं के इस्तीफे के सवाल पर सुखवीर बादल ने कहा कि ये नेता उनके पिता की उम्र के बडे नेता है। इस तरह सुखवीर ने बार-बार यही जवाब देकर इस सवाल का जवाब टाल दिया। इस सवाल पर कि क्या मतभेद दूर करने के प्रयास किए जा रहे है?सुखवीर ने कहा कि इन नेताओं ने पार्टी नहीं छोडी है। ये सभी पार्टी का हिस्सा है।

पंजाब के माझा क्षेत्र के टकसाली नेताओं ने पिछले 30 सितम्बर को बैठक का आयोजन कर अपना असंतोष जाहिर किया था। ये सभी नेता अमृतसर बैठक में नहीं पहुंचे। इनमें रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा, डाॅ रतन सिंह अजनाला, रविन्द्र सिंह ब्रह्मपुरा, मनमोहन सिंह सेथियाला,अमरपाल सिंह बोनी और सेवा सिंह सेखवान शामिल है।


अमृतसर बैठक में प्रस्ताव पारित कर पंजाब विद्यालय शिक्षा मंडल की कक्षा बारह की इतिहास की पुस्तक में सिख गुरूओं के बारे में अपमानजनक सामग्री शामिल करने के लिए पुस्तक तैयार करने वाली कमेटी के सदस्यों,मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई। टकसाली नेताओं की नाराजगी पर सुखवीर ने पार्टी अध्यक्ष पद छोडने की पेशकश की है।