चंडीगढ़। देश में सर्वाधिक अन्न उत्पादन के लिए प्रसिद्ध पंजाब आज अनेक समस्याओं से जूझ रहा है। आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। युवा नशे की गिरफ्त में हैं। आखिर इन समस्याओं के मूल में क्या है? पत्रिका ने यह सवाल राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार अजय शुक्ला से किया। उन्होंने बेबाक कहा कि पंजाब की समस्या की जड़ में दो लाख करोड़ रुपये हैं। भारत सरकार सहयोग करे तो पंजाब भारत का सबसे समृद्ध और विकसित राज्य हो सकता है।
यह भी पढ़ेंक्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में रिश्वत का खेल, जानिए कैसे फँसाया जाता है ‘मुर्गा’ आतंकवाद समाप्त करने के लिए केन्द्र से कर्ज लिया था श्री शुक्ला ने पंजाब के बारे में कुछ पुरानी बातें याद दिलाईं। उन्होंने कहा- आतंकवाद ने पंजाब की रीढ़ तोड़ दी थी। इतनी बुरी स्थिति थी कि पूरा दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब सीमा से लगा राजस्थान प्रभावित था। कुल मिलाकर उत्तरी भारत का बड़ा हिस्सा प्रभावित था। आतंकवाद देश के लिए कोढ़ बन गया था। पंजाब प्रोग्रेसिव स्टेट था। तेजी से बढ़ रहा था। पंजाब आज भी 60 फीसदी अन्न पैदा करता है। मतलब 60 फीसदी लोगों का पेट आज भी पंजाब भरता है। लगातार आबादी बढ़ी और पंजाब के लोगों ने अच्छी चीजें कीं। लक्ष्मी मित्तल जैसे उद्योगपति पंजाब के लुधियाना से निकले। इस तरह से कोई कमी नहीं थी। लेकिन आतंवाद से उद्योग और कृषि प्रभावित हुई। भारत सरकार ने पंजाब सरकार से कहा था कि आतंकवाद खत्म करो, हम पैसा देंगे और माफ करेंगे। चूंकि पंजाब सरकार ने केन्द्र सरकार से आतंकवाद समाप्त करने के लिए कर्ज किया था और माफ होना चाहिए था, लेकिन सरकारें आईं और चली गईं लेकिन किसी ने भी माफ नहीं किया। बढ़ते-बढ़ते कर्जा दो लाख करोड़ रुपये हो गया। कर्ज से अधिक ब्याज हो गया। इसके साथ ही जो रेगूलर काम हैं, वह तो करने ही हैं।
समस्या पंजाब से नहीं उन्होंने कहा कि आबादी बढ़ने से क्या हुआ कि जिस खेत पर तीन आदमी की जरूरत थी उस खेत पर 10-12 आदमी हैं। कारोबार प्रभावित हुआ। नतीता यह हुआ कि लोगों को मानसिक रूप से विक्षिप्त करना शुरू कर दिया। उस कारण से युवा पीढ़ी नशे का शिकार होने लगी। नशा आज बड़ी समस्या है। घर-घर में घुसा हुआ है, सरकार कैसे खत्म करे। बाहर तो रोकने का प्रयास होता है। पाकिस्तान में बैठे तस्कर ड्रोन के जरिए नशा भेज देते हैं। भारत सरकार का काम है सीमा पर नशे की तस्करी रोकना, जो नहीं हो पा रहा है। तो समस्या पंजाब से नहीं है। समस्या यह है कि जो काम भारत सरकार को करना चाहिए था, उन चीजों को सिस्टमेटिक ढंग से नहीं किया।
पंजाब करे तो कहां से? श्री शुक्ला के मुताबिक, मुझे वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने बताया है कि पंजाब का जीएसटी का पैसा केन्द्र सरकार नहीं दे रही है। इसके चलते जो तमाम काम कराए हैं, उनका भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। एक संकट से निजात नहीं पा पाते और दूसरा खड़ा हो जाता है। लोक कल्याणकारी राज्य में है तो जनता के लिए कुछ करना ही पड़ेगा। समस्या यही है कि पंजाब करे तो कहां से?
यह भी पढ़ेंक्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में रिश्वत का खेल, जानिए कैसे फँसाया जाता है ‘मुर्गा’ क्या कहा था वित्त मंत्री ने उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने कल ही पंजाब विधानसभा में कहा था कि राज्य को आर्थिक संकट से उबारना और स्थिरता की ओर ले जाना बुनियादी फर्ज है। आने वाले समय में राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। पिछली अकाली सरकार अगर 31 हजार करोड़ रुपये का ऋण लेने में जल्दबाजी न दिखाती तो पंजाब की आर्थिक स्थिति खराब न होती।