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परम्परागत बैट्री का विकल्प : नवकरणीय ऊर्जा में भी होगा उपयोग

स्वदेशी केवी पैमाने की वेनेडियम रेडॉक्स फ्लो बैट्री (Vanadium Redox Flow Battery) विकसित, सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा संचयकों (उपकरणों) में भी हो सकेगा उपयोग

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परम्परागत बैट्री का विकल्प : नवकरणीय ऊर्जा में भी होगा उपयोग

परम्परागत बैट्री का विकल्प : नवकरणीय ऊर्जा में भी होगा उपयोग

चेन्नई. आइआइटी मद्रास में हुए नए शोध में लेड और लिथियम आधारित बैट्री की जगह स्वदेशी केवी पैमाने की वेनेडियम रेडॉक्स फ्लो बैट्री विकसित की गई है। इसका उपयोग सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा संचयकों (उपकरणों) में भी हो सकेगा। मूलत: यह खोज बैट्री की आयु में वृद्धि करेगी।
आइआइटी मद्रास के केमिकल इंजीनियरिंग विभाग की प्रोफेसर श्रीनिवास जयंती का कहना है कि संभवत: देश में पहली बार स्वदेशी केवी पैमाने की वेनेडियम रेडॉक्स फ्लो बैट्री (vanadium redox flow battery) की डिजाइन व फेब्रिकेशन हुआ है जिसका उपयोग नवकरणीय ऊर्जा में भी हो पाएगा।

शोधार्थी डा. रविन्द्र गुंडलपल्ली के अनुसार सामान्य ठोस अवस्था वाली बैट्री का जीवनकाल ३ से ५ साल का होता है। वेनेडियम रेडॉक्स फ्लो बैट्री की आयु १५ से २० साल की होगी।

ऊर्जा संचयक की नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इनका कार्य लोड लेवल करना और पीक क्षमता में संतुलन स्थापित करना होता है। विश्व में अक्षय ऊर्जा के उत्पादन में बढ़ोतरी के साथ बड़े पैमाने पर ऑन ग्रिड और ऑफ ग्रिड ऊर्जा स्टोरेज (संचयक) की आवश्यकता पड़ेगी।