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किसानों ने राज्यव्यापी आंदोलन लिया वापस 

सरकार के आश्वासन के बाद5 जनवरी को था प्रस्तावित

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Purushottam Reddy

Jan 03, 2017

Chennai news

Tamilnadu Government

चेन्नई.

किसानों की मांगों पर विचार करने के राज्य सरकार के आश्वासन के बाद किसान संघों ने 5 जनवरी को प्रस्तावित राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन वापस लेने की घोषणा की है। राज्य में किसानों की लगातार मौतें हो रही है। उनकी मांग है कि राज्य को सूखाग्रस्त घोषित किया जाए और विशेष पैकेज दिया जाए।


ऑल फार्मर्स एसोसिएशन्स ऑफ तमिलनाडु की संयोजन समिति के अध्यक्ष पी. आर. पांडियन ने कहा कि मुख्यमंत्री और सात मंत्रियों की टीम ने उनकी मांगों को गंभीरता से सुना और उचित कार्यवाही का विश्वास दिलाया। हमने सरकार से मंत्रियों अथवा अधिकारियों के दस्ते को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए भेजने को कहा है। सरकार ने इस सुझाव को स्वीकार किया है।


सरकार और किसान संघों के प्रतिनिधियों की यह बैठक उत्तर-पूर्वी मानसून के विफल होने और किसानों की बढ़ती आत्महत्याओं की पृष्ठभूमि में हुई है। इस बार मानसून से 62 फीसदी कम बरसात हुई है। सिंचित क्षेत्र सूख चुके हैं और खड़ी फसल बर्बाद हो गई है। किसानों के आंदोलन को डीएमके, कांग्रेस, एमडीएमके और वीसीके ने समर्थन दिया था।


किसानों की मौत रोकी जाए
पांडियन ने कहा कि हमारी मांग है कि तमिलनाडु को सूखाग्रस्त घोषित किया जाए और किसानों की मौतों को रोकने के उपाय हों। खड़ी फसल को हुए नुकसान के एवज में प्रति एकड़ 25 हजार रुपए दिए जाएं। साथ ही मृतक किसानों के परिवारों को 10 लाख रुपए की वित्तीय मदद दी जाए। अंतरराज्यीय कावेरी जल विवाद के तहत कावेरी के ऊपरी क्षेत्र में बसे कर्नाटक को नए बांध के निर्माण से रोका जाए। साथ ही केंद्र सरकार पर कावेरी प्रबंधन बोर्ड और कावेरी जल नियमन कमेटी के शीघ्र गठन को लेकर दबाव बनाया जाए। डीएमके कोषाध्यक्ष एम. के. स्टालिन ने कहा है कि वे किसानों की समस्या को लेकर 5 दिसम्बर को मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे।

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