पुलिस सूत्रों के अनुसार पूर्व दुग्ध एवं डेयरी विकास मंत्री बालाजी पिछले 20 दिनों से फरार चल रहे थे और उन्हें पकडऩे के लिए तमिलनाडु पुलिस ने आठ टीमें बनाई थीं। उनकी गिरफ्तारी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है। बालाजी पर करीब तीन करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा करने का आरोप हैं।
उन्हें देश छोडऩे से रोकने के लिए उनके खिलाफ पहले ही लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया गया था। लुकआउट नोटिस यह सुनिश्चित करने के लिए जारी किया गया है कि बालाजी देश से भाग न जाएं। पुलिस राज्यभर के सभी हवाईअड्डों पर कड़ी नजर रखे हुए है।
तमिलनाडु के विरुदनगर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उनके खिलाफ दो मामले दर्ज करने के बाद उनके सभी छह खाते फ्रीज कर दिए थे। उम्मीद है कि पुलिस पूछताछ के लिए पूर्व मंत्री की हिरासत की मांग करने वाली याचिका दायर करेगी। बालाजी को ऐसे समय में गिरफ्तार किया गया है, जब उनकी अग्रिम जमानत याचिका गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की गई थी।
राज्य सरकार ने एक कैविएट याचिका भी दायर की है जिसमें कहा गया है कि उसके विचार सुने बिना कोई आदेश पारित नहीं किया जाना चाहिए। 17 दिसम्बर, 2021 को मद्रास हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिया जिसके बाद से पूर्व मंत्री भूमिगत हो गए थे।
ज्ञातव्य है कि मद्रास हाईकोर्ट ने तीन करोड़ रुपए लेकर 20 नौकरी के उम्मीदवारों को कथित रूप से आविन (तमिलनाडु दुग्ध सहकारी सहित विभिन्न संस्थानों में) सरकारी नौकरी दिलाने का वादा करने से संबंधित मामले में अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था।
मद्रास हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि नौकरी रैकेट के दो मामलों में पूर्व मंत्री के खिलाफ प्रथम द्दष्टया तथ्यात्मक साक्ष्य प्रतीत होते हैं। पूर्व मंत्री ने अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की है।