कोयम्बत्तूर के सुपार्श्वनाथ मंदिर में बुधवार को पर्युषण पर्व की शुरुआत हुई। इस अवसर पर मंदिर में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया।
चेन्नई. समारोह में वयोवृद्ध साध्वीजी विरेशपद्मा श्री जी एवं मयूरयशा श्री जी ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि पर्युषण पर्व चातुर्मास का एक महत्वपूर्ण भाग है। इस दौरान श्रद्धालु त्याग, तप और साधना से अपने आंतरिक आत्मा को जागृत करते हैं।
समारोह के दौरान महावीर स्वामी पंच कल्याणक पूजन का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर मंदिर के पुजारी ने महावीर स्वामी के जीवन के पांच महत्वपूर्ण घटनाओं का वर्णन किया।
असक्त, बीमार या वयोवृद्ध बुजुर्ग, जो मंदिर तक जाने में असमर्थ हैं, उनके लिए परमात्मा की मूर्ति को उनके निवास पर ले जाकर पर्युषण के प्रथम दिवस और संवत्सरी के दिवस पर उन्हें परमात्म दर्शन और पूजा कराने का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम में श्री राजस्थान जैन श्वेतांबर मूर्ति पूजक संघ और श्री सुपार्श्वनाथ जैन सेवा मण्डल ने सहयोग किया।
रोज शाम को भक्ति का कार्यकर्म भी होगा, प्रतिक्रमण के बाद 7.30 बजे से। इस धर्मसभा में सभी जैन समाज के लोग उपस्थित थे, जिनका संचालन श्री सुपार्श्वनाथ जैन सेवा मण्डल के अध्यक्ष द्वारा किया गया।
ये हैं पर्युषण पर्व के प्रमुख कार्यक्रम:
महावीर स्वामी पंच कल्याणक पूजन
असक्त, बीमार या वयोवृद्ध बुजुर्गों के घर पर परमात्मा की मूर्ति ले जाना और उन्हें परमात्म दर्शन और पूजा कराना
रोज शाम को भक्ति का कार्यक्रम