- करीब ४५ फीसदी मजदूर लौटे तमिलनाडु से
चेन्नई. प्रवासी श्रमिकों पर कथित हमले के वीडियो वायरल होने के बाद बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक अपने गृह राज्य लौटे हैं। सबसे ज्यादा घर वापसी राज्य के तिरुपुर एवं कोयम्बत्तूर जिलों से हुई है। जानकारी के अनुसार करीब ४५ प्रतिशत मजदूर अपने गृह क्षेत्र लौटे हैं। अमूमन होली के मौके पर तीस फीसदी श्रमिक घर जाते हैं लेकिन इस बार यह आंकड़ा ४५ फीसदी को पार कर गया है। श्रमिकों की कमी का सीधा असर उत्पादन कार्य पर दिखा है जो 50 से 60 से ६५ प्रतिशत तक सीमित हो गया है। जानकारों के अनुसार तिरुपुर से १० फीसदी से अधिक और कोयम्बत्तूर से करीब २० प्रतिशत अधिक श्रमिकों की घर वापसी हुई है। श्रमिकों की कमी का समायोजन अन्य जगहों से लेबर बुलाकर किया जा रहा है।
लौटने पर टिकी निगाहें
अब उद्योग जगत की नजरें श्रमिकों के वापस तमिलनाडु लौटने पर टिकी हैं। बुधवार को होली का पर्व मनाया गया। इसके बाद अब प्रवासियों की वापसी कब शुरू होगी यह सवाल उत्पादकों और निर्माताओं को खाए जा रहा है। राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार तमिलनाडु में रजिस्टर्ड 6 लाख प्रवासी श्रमिक हैं। इनमें से आधे श्रमिक राज्य के उत्तरी जिलों चेन्नई, तिरुवल्लूर और चेंगलपेट में काम करते हैं जबकि शेष श्रमिक तिरुपुर, कोयम्बत्तूर एवं ईरोड के विनिर्माण हब में हैं।
सामान्य से अधिक श्रमिक लौटे
तिरुपुर में 70 से 80 प्रतिशत श्रमिक हिन्दी भाषी हैं। हम हर बार श्रमिकों का रिटर्न टिकट करा देते हैं। इस बार भी ऐसा ही किया है। इस समय अफवाह के कारण सामान्य से अधिक श्रमिक गांव गए हैं। वापसी की वजह उनके परिजनों का चिंतित होना और घर बुलाना थी। बिहार के प्रतिनिधिमंडल के दौरे के बाद स्थिति में सुधार हुआ है।
हेमंत महावीर बाफना, तिरुपुर एक्सपोर्ट एसोसिएशन के सदस्य
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उत्पादन घटा
मेरी फैक्ट्री में फिलहाल, 50 से 65 प्रतिशत उत्पादन है। हमने श्रमिकों की काउंसलिंग की है। उनको यकीन दिलाया गया है कि प्रशासन व हम आपके साथ हैं।
शीतल महिपाल मेहता, सदस्य तिरुपुर एक्सपोर्ट एसोसिएशन