
Number of tourists are falling in Chepetet Eco Park
चेन्नई।चेटपेट स्थित ईको पार्क महानगर का पहला ऐसा पार्क है जिसमें पर्यटकों के लिए बोटिंग और फिशिंग जैसी सुविधाएं बहाल की गई हैं। यही वजह है कि वर्ष २०१६ में जब इस पार्क का उद्घाटन हुआ तो बड़ी संख्या में पर्यटक इस पार्क की तरफ आकर्षित होना शुरू हुए जिसकी मुख्य वजह थी इस पार्क में वाकिंग, स्वीमिंग, स्केटिंग, बोटिंग, फिशिंग के अलावा बच्चों के खेलने के लिए कई उपकरण लगाया जाना। इसलिए पर्यटक एवं स्थानीय लोगों का यह पार्क आकर्षण का केन्द्र बन गया। लेकिन पिछले कुछ महीनों से इस पार्क में पर्यटकों की भारी कमी देखी जा रही है।मिली जानकारी के अनुसार इस ईको पार्क में पर्यटकों की संख्या घटने की मुख्य वजह पार्क के अंदर तालाब का पानी सूखना बताया जा रहा है।
बतादें कि चेटपेट ईको पार्क का तालाब पिछले पांच महीने से सूखा पड़ा है जिसके कारण पर्यटकों को बोटिंग करने का मौका नहीं मिलता। लगातार घट रही पर्यटकों के संख्या के कारण फिशरीज विभाग ने यहां के तालाब के कायाकल्प का काम शुरू कर दिया है। विगत सोमवार से इस पार्क के तालाब की सफाई करने और गाद निकालने का काम शुरू किया गया है। विभाग के अधिकारी जयचंद्रन ने बताया कि इस तालाब को ढाई फीट गहरा किया जाएगा। इसकी गाद निकालकर कहीं और डाली जाएगी। गाद निकालने के बाद इस तालाब की निचली परत को समतल बनाया जाएगा। और जरूरत पडऩे पर बुलडोजर का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
बहरहाल चेटपेट ईको पार्क के कायाकल्प के लिए तालाब की गाद निकालने के लिए जेसीबी मशीन अंदर उतार दी गई है। इस मशीन के जरिए तालाब की गहराई बढ़ाने के अलावा सतह पर जमी गाद को हटाया जाएगा ताकि तालाब भविष्य में जल्दी न सूखे।
गौरतलब है कि अप्रैल २०१३ में तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता ने इस पार्क के निर्माण की मंजूरी दी थी। पार्क के तहत दो अलग अलग तालाब निर्मित किए गए जिनमें एक तालाब बोटिंग के लिए तो दूसरा तालाब को मछली पालन के लिए बनाया गया था।
उल्लेखनीय है कि इस ईको पार्क का उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री दिवंगत जयललिता ने फरवरी २०१७ में किया था। उसके के बाद यह पार्क लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गया था। बड़ी संख्या में पर्यटक इस पार्क में बोटिंग के लिए आया करते थे। इसके अलावा यहां खाने पीने का बेहतर इंतजाम और वाकिं ग,जोगिंग का बेहतर विकल्प होने के कारण पर्यटकों का झुकाव इस पार्क की तरफ अधिक होने लगा था। हालांकि मछली पालन के प्रति पर्यटकों का लगाव मुकम्मल नहीं नजर आया, फिर भी बोटिंग और बच्चों के मनोरंजन का बेहतर साधन होने के कारण यहां पर्यटकों की आवाजाही बेहतर थी। जब तालाब का पानी सूख गया तो पिछले एक साल से इस पार्क में पर्यटकों की आने संख्या में भारी गिरावट आ गई।
यही वजह है कि राज्य सरकार के फिशरीज विभाग ने महीनों से सूखे पड़े इस तालाब को बेहतर और गहरा करने के उद्देश्य से इसके कायाकल्प का काम शुरू करवाया है जो आगामी एक महीेने तक चलेगा। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस पार्क में पर्यटक बढ़े इस खयाल से यहां के तालाब को बेहतर बनाया जा रहा है
यहां उल्लेखनीय है कि वर्ष २०१६ व २०१७ में इस पार्क में लगभग २० हजार से भी अधिक पर्यटक आया करते थे, यह संख्या घटकर १२ हजार पर आ गई है जबकि इस पार्क में प्रवेश के लिए शुल्क ३५ रुपए तथा बाइक पार्किंग के लिए २० रुपए शुल्क रखा गया है।
Published on:
30 Jun 2019 11:37 pm
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