चेन्नई में गंभीर रीढ़ विकृति से पीड़ित को एडवांस टेक्नालाजी से मिली नई जिंदगी
चेन्नईPublished: Sep 03, 2021 11:07:13 pm
भारत में 5 मिलियन से अधिक बच्चे स्कोलियोसिस के शिकार
- सामाजिक आर्थिक स्थिति एवं जागरूकता का अभाव बड़े


चेन्नई में गंभीर रीढ़ विकृति से पीड़ित को एडवांस टेक्नालाजी से मिली नई जिंदगी
चेन्नई. भारत में 2018 के सर्वे के अनुसार 0-18 साल की उम्र के करीब 50 लाख बच्चे स्कोलियोसिस से पीड़ित हैं। स्कोलियोसिस (रीढ़ में असामान्य वक्रता) का यदि इलाज नहीं किया जाएं तो इससे फेफड़े का रोग होता है। इससे जीवन की प्रत्याशा कम हो जाती है। भारत में ऐसे 60 प्रतिशत से अधिक बच्चों का इलाज नहीं हो पाता। दरअसल स्कोलियोसिस रीढ़ में वक्रता की स्थिति होती है बच्चों में किसी भी उम्र में विकसित हो सकती है। यदि समय रहते इसका इलाज नहीं किया जाए तो चलने में कठिनाई के साथ साथ कोई काम करने पर पीठ में गंभीर दर्द होता है। इससे जीवन की गुणवत्ता खराब हो जाती है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार इसका सबसे बड़ा कारण परिवार की खराब सामाजिक आर्थिक स्थिति एवं जागरूकता का अभाव है।