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छतरपुर में 12.2 इंच और जिले में औसतन 6.6 इंच बारिश, लवकुशनगर व इलाके के कई गांवों का छतरपुर से संपर्क टूटा

मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्तव्यस्त कर दिया है। छतरपुर शहर में 12.2 इंच और जिले में औसतन 6.6 इंच बारिश दर्ज की गई है। नदी-नालों में उफान है, तालाब और बांध ओवरफ्लो कर रहे हैं। उर्मिल का पानी छोड़े जाने से संजयनगर बैरियर तक पानी में डूब गया।

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sanjay nagar toll

संजयनगर टोल प्लाजा पर पानी

पिछले 48 घंटों से जिले में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्तव्यस्त कर दिया है। छतरपुर शहर में 12.2 इंच और जिले में औसतन 6.6 इंच बारिश दर्ज की गई है। नदी-नालों में उफान है, तालाब और बांध ओवरफ्लो कर रहे हैं। उर्मिल का पानी छोड़े जाने से संजयनगर बैरियर तक पानी में डूब गया। सड़क को नुकसान पहुंचा है। जिससे लवकुशनगर और उसके आसपास के गांवों का छतरपुर से संपर्क टूट गया है। छतरपुर के आसपास के गावों में जलभराव से कई ग्रामीणों को रेस्क्यू किया गया। शहर में किशोर सागर तालाब के पास शिक्षा विभाग के सामने बसे घरों में पानी भर गया, कई दोपहिया और चारपहिया वाहन डूब गए।

धामची गांव में 200 परिवार फंसे, उर्मिल नदी उफान पर

ओरछा थाना क्षेत्र के धामची गांव में उर्मिल नदी का जलस्तर बढऩे से लगभग 200 परिवार फंस गए। कई ग्रामीणों को छतों पर शरण लेनी पड़ी। नायब तहसीलदार रितु सिंघई की निगरानी में रेस्क्यू चलाया गया। उन्होंने बताया कि 2 से 4 घरों में पानी भरा था, अब स्थिति सामान्य है। कैडी गांव में 4 भैंसों के बहने की सूचना है।

उर्मिल नदी का रौद्र रूप, लवकुशनगर का छतरपुर से कटा संपर्क

बारिश के बीच उर्मिल नदी भी उफान पर आ गई है। नदी का पानी इतना बढ़ गया कि लवकुशनगर के पास संजय नगर टोल प्लाजा तक डूब गया। तेज बहाव के कारण टोल प्लाजा से होकर जाने वाला मुख्य मार्ग जलमग्न हो गया और लवकुशनगर का छतरपुर से सड़क संपर्क पूरी तरह कट गया।

हमा और कैडी गांव से 16 लोगों का रेस्क्यू

एसडीएम अखिल राठौर ने बताया कि प्रशासन ने हमा गांव में 8 और कैडी गांव में 6 लोगों सहित कुल 16 लोगों को सुरक्षित निकाला है। रामपुर, ढिलापुर, नंदगाय सलैया और सरानी गांव भी बाढ़ से प्रभावित हैं। बीडी कॉलोनी में तेज बहाव के कारण फंसे लोगों के लिए टीम भेजी गई।

बांधों के गेट खुले, नदी किनारे चेतावनी

लगातार बारिश से उर्मिल, धसान और कुटनी नदियों के ऊपर बने बांधों का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। सिंहपुर बांध पर दो गेट 0.5 मीटर खोले गए, जिससे उर्मिल नदी में 7-8 फीट जलस्तर बढ़ गया है। बानसुजारा बांध के तीन गेट 0.5-0.5 मीटर खोलकर 180 घन मीटर प्रति सेकंड पानी छोड़ा जा रहा है, धसान नदी में 5-8 फीुट जलस्तर बढऩे की संभावना। कुटनी बांध के तीन गेट 0.8 मीटर तक खोले गए, जिससे 50 घन मीटर प्रति सेकंड पानी छोड़ा जाएगा। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने आमजन से नदी किनारे न जाने की अपील की है।

एंबुलेंस बही

ओरछा रोड थाना क्षेत्र के कैंडी गांव के पास बड़ा हादसा टल गया। भोपाल से आई एक एम्बुलेंस मरीज को छोड़कर वापस लौट रही थी। तेज बहाव के बीच रास्ते में जलमग्न रपटे को पार करने की कोशिश में एम्बुलेंस अचानक पानी के बहाव में बहने लगी। मौके पर मौजूद ग्रामीणों और बचाव दल की तत्परता से ड्राइवर को समय रहते बाहर निकाल लिया गया। घटना का वीडियो किसी ने मोबाइल में कैद कर लिया जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। प्रशासन ने बताया कि तेज बारिश के कारण छोटे पुल और रपटों पर जलस्तर बढ़ा हुआ है।

बिजली व्यवस्था प्रभावित, पेड़ गिरने से जाम

कालापानी गांव में पुलिया टूटने से पानी कई घरों में घुस गया और बिजली के कई खंभे टूट गए। देर रात कलेक्टर बंगले के बाहर पेड़ गिरने से घंटों जाम लगा रहा। लगातार बारिश ने जिले को जलमग्न कर दिया है। प्रशासन रेस्क्यू और राहत के काम में जुटा है। फिलहाल लोगों से अपील की जा रही है कि वे नदी और नालों के किनारे न जाएं, घरों में सुरक्षित रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।

संवेदनशील स्थानों पर पुलिस तैनात

लगातार तेज बारिश से जिले के कई नदी-नाले उफान पर आ गए हैं। छतरपुर पुलिस और प्रशासन की टीमें संवेदनशील स्थानों पर तैनात हैं और नागरिकों को सतर्क रहने की अपील की जा रही है। जिन मार्गों पर पुलों के ऊपर से पानी बह रहा है, वहां यातायात पूरी तरह बंद कर दिया गया है। सभी स्थानों पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं और लाउडस्पीकर से लगातार अनाउंसमेंट कर लोगों को जलमग्न रास्तों से दूर रहने की चेतावनी दी जा रही है। पुलिस ने कहा है कि किसी भी परिस्थिति में जलमग्न रपटा या पुल पार न करें और किसी भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र की जानकारी तुरंत हेल्पलाइन नंबर 7049101021 पर दें।

खजुराहो में लगातार बारिश, दूल्हा देव मंदिर परिसर में जलभराव

पुरातात्विक महत्व के दूल्हा देव मंदिर परिसर में जलभराव की स्थिति बनी हुई है। मंदिर गाइड परशुराम तिवारी ने बताया कि यह समस्या हर वर्ष सामने आती है, लेकिन अब तक पानी निकासी की कोई स्थायी व्यवस्था नहीं की गई है। मंदिर के गार्डन में जगह-जगह पानी भरने से पर्यटकों को काफी परेशानी हो रही है।

नदियों का जलस्तर बढ़ा, पुल पर बहाव

लगातार बारिश से खूडर, केन और बन्ने नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। प्रशासन ने आसपास के गांवों में हाई अलर्ट जारी किया है। रनगुआ गांव के पास गरगटू पुल पर पानी बहने से आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।

फैक्ट फाइल

छतरपुर - 12.2 इंच

लवकुशनगर - 7.5 इंच

बिजावर - 3.6 इंच

नौगांव- 5.2 इंच

राजनगर - 7.1 इंच

गौरिहार - 10.6 इंच

बड़ामलहरा - 5.0 इंच

बकस्वाहा - 1.5 इंच