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एक सप्ताह में होगा केन बेतवा लिंक के लिए 4 हजार हेक्टेयर जमीन का हस्तांतरण

पन्ना टाइगर रिजर्व के 21 गांव होना है विस्थापित, जमीन हो चुकी है चिंहित

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 पन्ना टाइगर रिजर्व के 21 गांव होना है विस्थापित, जमीन हो चुकी है चिंहित

पन्ना टाइगर रिजर्व के 21 गांव होना है विस्थापित, जमीन हो चुकी है चिंहित

छतरपुर. केन बेतवा लिंक परियोजना के लिए जमीन हस्तांकरण की प्रक्रिया की जा रही है। क्षतिपूर्ति के लिए जरूरी जमीन चिंहित कर ली है। परियोजना में पन्ना टाइगर रिजर्व की 6 हजार हेक्टेयर जमीन डूब रही है, जिसमें से 4 हजार हेक्टेयर भूमि कोर एरिया की है। जिसके लिए राजस्व भूमि क्षतिपूर्ति के रुप में देने की प्रक्रिया की जा रही है। इसके लिए सरकार ने राजपत्र में अधिसूचना भी प्रकाशित कर दी है। एक सप्ताह में भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

वन क्षतिपूर्ति के साथ कोर एरिया का होगा विस्तार
परियोजना के मुख्य बांध ढोढऩ में पन्ना टाइगर रिजर्व की 6017 हेक्टेयर वन भूमि डूब रही है, जिसमें कोर एरिया की 4141 हेक्टेयर भूमि शामिल है। इसकी भरपाई के लिए प्लान तैयार किया गया है। इस प्लान के तहत पन्ना और छतरपुर जिले के गांव कटहरी-बिल्हारा, कोनी, मझौली, गहदरा, मरहा, खमरी, कूडन, पाठापुर, नैगुवां, डुंगरिया, कदवारा, घुघरी, बसुधा की 4396 हेक्टेयर भूमि चिंहित की गई है। ये गांव पन्ना टाइगर रिजर्व के बफर जोन में स्थित है, जिसे अब कोर एरिया में परिवर्तित किया जाएगा। इसके अलावा 1621 हेक्टेयर वन भूमि के एवज में 3242 हेक्टेयर राजस्व जमीन छतरपुर जिले में चिंहित की गई है। इस भूमि पर वनीकरण किया जाएगा। जिसके लिए 3286 करोड़ रुपए का बजट राज्य शासन को दिया गया है।

पन्ना टाइगर रिजर्व से जुड़े 21 गांव हो रहे प्रभावित
केन बेतवा लिंक परियोजना के लिए मध्यप्रदेश शासन द्वारा 31 जनवरी को जारी हुई भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना के मुताबिक ढोढऩ में बनने वाले मुख्य बांध के लिए पन्ना टाइगर रिजर्व के 21 गांव प्रभावित होंगे। जिसमें छतरपुर के 14 और पन्ना जिले के 7 गांव प्रभावित होंगे। 10 गांव बांध के डूब क्षेत्र में प्रभावित हो रहे हैं, जबकि वन भूमि की क्षतिपूर्ति में पन्ना जिले के 7 और छतरपुर जिले के 6 गांव मिलकार 13 गांव प्रभावित होंगे। डूब व वन भूमि क्षति पूर्ति में दो गांव की जमीन कॉमन होने से कुल प्रभावित गांव की संख्या 21 हो रही है।

छतरपुर जिले के 10 गांव जाएंगे डूब क्षेत्र में
बांध के डूब क्षेत्र में छतरपुर जिले के ढोढऩ, पलकौहां, खरियानी, भोरखुआं, सुकवाहा, मैनारी, कुपी, शाहपुरा, पाठापुर, नैगुवां गांव डूब क्षेत्र में आएंगे। इन गांवों की भूमि को सरकार द्वारा अधिग्रहीत किया जाएगा। परियोजना का मुख्य काम राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण को करना है।

वन क्षतिपूर्ति के लिए 13 गांव की होना है शिफ्टिंग
पन्ना टाइगर रिजर्व एरिया में प्रस्तावित ढोढऩ बांध का काम शुरु करने से पहले वन विभाग को देने के लिए राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण (एनडब्ल्यूडीए) ने जिस भूमि का चयन किया है। उसमें 13 गांव हैं। इनमें से करीब छह गांव बड़ी आबादी वाले हैं। विभाग ने गांवों की सेटेलाइट मेपिंग करा ली गई है। इन गांवों में अमानगंज क्षेत्र के कटहरी, बिल्हरा, कोनी, मझौली, गहदरा, मरहा, खमरी, कूडऩ, पाठापुर, नैगुवा, डुंगरिया, कदवारा, घुघरी आदि शामिल हैं। इन गांवों की शिफ्ंिटग के बाद ही काम शुरु हो सकेगा।


एक नजर में
परियोजना की लागत- 44६०५ करोड़ रुपए
केन बेसिन से उप्र में सिंचाई - 2.27 लाख हेक्टेयर
केन बेसिन से मप्र में सिंचाई - 4.47 लाख हेक्टेयर
बेतवा बेसिन से मप्र में सिंचाई - 2.06 लाख हेक्टेयर

फोटो-सीएचपी२९११२२-71- ढोढऩ बांध का प्रस्तावित स्थल