उत्तरप्रदेश राज्य सडक़ परिवहन निगम विश्वप्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन क्षेत्र वाराणसी से मध्यप्रदेश के खजुराहो के लिए नई ई-बस चलाने का फैसला किया गया है। यात्रियों की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए वाराणसी के कैंट रोडवेज बस स्टैंड से ये बसें संचालित की जाएगी।
छतरपुर. खजुराहो से वाराणसी तक एयर कंडीशनर ई-बस का संचालन किया जाएगा। उत्तरप्रदेश राज्य सडक़ परिवहन निगम विश्वप्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन क्षेत्र वाराणसी से मध्यप्रदेश के खजुराहो के लिए नई ई-बस चलाने का फैसला किया गया है। यात्रियों की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए वाराणसी के कैंट रोडवेज बस स्टैंड से ये बसें संचालित की जाएगी। जो मध्यप्रदेश के खजुराहो और रीवा व बिहार के लिए पटना और गया रूट पर संचालित होंगी। इसके लिए मुख्यालय की मांग पर प्रस्ताव भेजे गए हैं।
उत्तरप्रदेश राज्य सडक़ परिवहन निगम ई-बसों के संचालन के लिए रुट का निर्धारण किया है। खजुराहो, रीवा, पटना, गया के लिए रुट का निर्धारण हो गया है। रीवा की दूरी वाराणसी से लगभग 223 किमी है। वाराणसी से चुनार, लालगंज, हनुमना होते हुए ई-बस रीवा जाएगी। इसी तरह वाराणसी से खजुराहो की दूरी 397 किलोमीटर है। वारणसी से मिर्जापुर, रीवा, सतना से खजुराहो ई-बस चलाई जाएगी। वहीं, कैंट वाराणसी से पटना की दूरी लगभग 260 किमी है। वाराणसी से गाजीपुर, मोहम्मदाबाद, फेफना और बक्सर रूट होते हुए ई-बस पटना जाएगी। वहीं, बिहार के गया की दूरी 250 किमी है। वाराणसी से चंदौली के नौबतपुर, सासाराम होते हुए गया रूट से ई-बस जाएगी।
बसों के संचालन के लिए वाराणसी केंट बस स्टैंड के साथ ही जहां-जहां इन बसों का संचालन किया जाएगा। वहां, चार्जिंग के लिए स्टेशन भी स्थापित किए जाएंगे। इसके साथ दी दूसरे राज्य के शहरों के लिए बसों के संचालन के लिए परमिट भी जारी किए जाएंगे। हालांकि इसके लिए दूसरे राज्य से परमिट की आवश्यकता नहीं होगी। यूपी रोडवेज ही बसों के परमिट जारी करेगी।
यूपी रोडवेज अधिकारियों ने बताया कि रोडवेज के बेड़े में 120 ई-बसें जुड़ रही हैं, जो एक बार फुल चार्ज होने पर 450 किमी का सफर तय कर सकती हैं। इसी के तहत अंतर्राज्यीय ई-बसों के संचालन के लिए मुख्यालय से रूट का प्रस्ताव मांगा गया था। जिसके आधार पर वाराणसी से मध्यप्रदेश के रीवा, खजुराहो और बिहार के लिए पटना और गया रूट चिह्नित किया गया है। इसके साथ ही 120 इलेक्ट्रिक बसों को अगले चरण में उत्तर प्रदेश के धार्मिक शहरों में दिया जाएगा। इसमें वाराणसी, अयोध्या, मथुरा-वृंदावन आदि शामिल हैं।
बसों के संचालन के लिए रूट तय किए गए हैं। प्रदूषणमुक्त परिवहन को लेकर इस योजना को जमीन पर उतारने की तैयारी है।
अंकुर विकास आनंद, जनरल मैनेजर ऑपरेशन, यूपी रोडवेज