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विश्वविद्यालय में कंप्यूटर के साथ बायोटेक्नोलॉजी से स्नातक में मिलेगा प्रवेश

इस कोर्स के साथ छात्र शिक्षा एवं अनुसन्धान के क्षेत्र में एक शानदार भविष्य बना सकते हैं। इस कोर्स को करने के बाद छात्र-छात्राओं के पास उद्योग एवं उच्च शिक्षा के क्षेत्र में रोजगार एवं रिसर्च के बहुत सारे विकल्प उपलब्ध होते हैं।

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महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय

महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय छतरपुर की अध्यनशालाओं के लिए नए सत्र 2025-26 में बायोटेक्नोलॉजी से स्नातक पाठ्यक्रम की पढ़ाई होगी। अगर आप 12वीं पास कर चुके हैं और सोच रहे हैं कि किस क्षेत्र में करियर बनाएं, तो बायोटेक्नोलॉजी आपके लिए एक बहुत शानदार विकल्प है। इस कोर्स के साथ छात्र शिक्षा एवं अनुसन्धान के क्षेत्र में एक शानदार भविष्य बना सकते हैं। इस कोर्स को करने के बाद छात्र-छात्राओं के पास उद्योग एवं उच्च शिक्षा के क्षेत्र में रोजगार एवं रिसर्च के बहुत सारे विकल्प उपलब्ध होते हैं।

बायोटेक्नोलॉजी का जमाना

विश्वविद्यालय में अकादमिक सत्र से शुरू हुए बायोटेक्नोलॉजी विषय में छात्रों की रूचि को देखते हुए बायोटेक्नोलॉजी -कंप्यूटर एप्लीकेशन -केमिस्ट्री शुरू किया गया। विश्वविद्यालय परिसर के आलेख भवन में स्थित बायोटेक्नोलॉजी विभाग में आवश्यक आधुनिक उपकरणों युक्त उच्च स्तर की प्रयोगशाला स्थापित की जा रही है जो कि छात्रों को विषय का व्यावहारिक अध्ययन में सहयोगी होगी।

ऐसी रहेगी विषयों की च्वॉइस

अगर छात्र 12वीं कक्षा में जीवविज्ञान अथवा कृषि समूह से हैं तो आप बीएससी बायोटेक्नोलॉजी कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। इस सत्र से बायोटेक्नोलॉजी को तीन विषय समूहों के रूप में लिया जा सकता है। बायोटेक्नोलॉजी विषय को आप जूलॉजी-केमिस्ट्री अथवा बॉटनी-केमिस्ट्री अथवा कंप्यूटर एप्लीकेशन -केमिस्ट्री के साथ मेजर, माइनर अथवा ओपन इलेक्टिव विषय के रूप में ले सकते हैं। ग्रेजुएशन करने के बाद छात्र-छात्राएं बायोटेक्नोलॉजी आधारित इंडस्ट्री में नौकरी में जा सकते हैं अथवा देश के नामी संस्थानों में पोस्ट ग्रेजुएशन भी कर सकते हैं।

ये है फीस व रोजगार के अवसरों की संभावना

बायोटेक्नोलॉजी को किसी भी विषय समूह के साथ प्रवेश लेने पर फीस सात हजार रुपए हैं लेकिन मेधावी छात्रों को मिलेगा निशुल्क प्रवेश। बायोटेक्नोलॉजी की पढ़ाई करने के बाद छात्र-छात्राएं स्कूल शिक्षक, प्रोफेसर, हेल्थ केयर सेंटर्स, जेनेटिक इंजीनियरिंग, रिसर्च लैबोरेट्रीज, एकेडेमिक्स, फूड मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री, रिसर्च साइंटिस्ट एवं इंडस्ट्री आदि क्षेत्रों में अपना करियर बना सकते हैं।

इनका कहना है

कंप्यूटर के साथ बायोटेक्नोलॉजी विषय की आधुनिक दुनिया में मांग है। ऐसे में छात्रों को विश्वविद्यालय में पढ़ाई उपलब्ध होने से सुविधा मिलेगी।

प्रोफेसर शुभा तिवारी, कुलगुरु