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छतरपुर

अमृत सरोवर को किया प्रदूषित: गुटखा फैक्ट्री की गंदगी से जहरीला हुआ जलाशय, अधिकारियों की चुप्पी पर उठे सवाल

गिरधारी गांव में निर्मित अमृत सरोवर इन दिनों गुटखा फैक्ट्री की रासायनिक गंदगी की वजह से बुरी तरह प्रदूषित हो गया है। ग्राम पंचायत की महिला सरपंच और स्थानीय ग्रामीणों द्वारा की गई कई आपत्तियों के बावजूद प्रशासन और जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी अब सवालों के घेरे में है।

छतरपुरMay 15, 2025 / 10:29 am

Dharmendra Singh

gutakha factory

गुटखा फैक्ट्री

छतरपुर. जिले के लवकुशनगर जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत खपटाया के गिरधारी गांव में निर्मित अमृत सरोवर इन दिनों गुटखा फैक्ट्री की रासायनिक गंदगी की वजह से बुरी तरह प्रदूषित हो गया है। ग्राम पंचायत की महिला सरपंच और स्थानीय ग्रामीणों द्वारा की गई कई आपत्तियों के बावजूद प्रशासन और जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी अब सवालों के घेरे में है।

पंचायत से नहीं ली कोई अनुमति


स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों का आरोप है कि गांव के रिहायशी क्षेत्र में अवैध रूप से गुटखा फैक्ट्री संचालित की जा रही है। इस फैक्ट्री से निकलने वाली कैमिकलयुक्त गंदगी को सीधे अमृत सरोवर में बहाया जा रहा है, जिससे एक साल पहले 16 लाख की लागत से बना यह जलाशय अब प्रदूषण की भेंट चढ़ चुका है। महिला सरपंच उर्मिला पटेल ने एसडीएम और जनपद पंचायत सीईओ को कई बार शिकायतें दीं, लेकिन प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। सरपंच के अनुसार, गुटखा फैक्ट्री के लिए पंचायत से न तो कोई अनुमति ली गई है, न ही व्यावसायिक टैक्स जमा किया गया है।

रिहायशी क्षेत्र में फैक्ट्री संचालन, नियमों की खुलेआम अवहेलना


गांव के खसरा नंबर 205/1/1/4 पर स्थित फैक्ट्री को सुरेशा साहू द्वारा संचालित किया जा रहा है, लेकिन इसके लिए न कोई पंचायत की एनओसी ली गई है और न ही सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। घनी आबादी में रसायनों के बीच फैक्ट्री का संचालन रहवासियों के लिए स्वास्थ्य और सुरक्षा का बड़ा खतरा बन चुका है।

बिना जांच के स्टॉक रिलीज


सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि सीएमएचओ डॉ. आरपी गुप्ता और एफएसओ वेदप्रकाश चौबे ने फैक्ट्री को बिना किसी सख्त कार्रवाई के ताला खोलने की अनुमति दे दी और स्टॉक को बाजार में रिलीज कर दिया। यह स्टॉक न तो निर्माण तिथि से लैस था, न ही उस पर एक्सपायरी डेट अंकित थी। यानी, जिलेभर में बिना किसी खाद्य सुरक्षा मापदंड के गुटखा खुलेआम बिकने लगा, जो आम लोगों की सेहत के साथ बड़ा खिलवाड़ है। अपर कलेक्टर मिलिंद नागदेवे द्वारा मामले की जांच में देरी की जा रही है, जिससे गुटखा माफिया को राहत मिली और उन्हें गैरकानूनी तरीके से अपना उत्पाद बाजार में उतारने का मौका मिल गया।

जांच के नाम पर रस्म अदायगी


ग्राम पंचायत की शिकायतों को नजरअंदाज करने, नियमों की धज्जियां उड़ाने और पर्यावरण तथा स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ के बावजूद, अब तक किसी भी जिम्मेदार अधिकारी या फैक्ट्री संचालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई है। ऐसे में यह मामला प्रशासनिक उदासीनता और भ्रष्ट तंत्र का जीवंत उदाहरण बनता जा रहा है।

इनका कहना है


अमृत सरोवर को प्रदूषित करने की पीसीबी सागर से जांच कराई जाएगी। शिहायशी इलाके में फैक्ट्री संचालित होने की जांच की जा रही है।
राके श शुक्ला, एसडीएम

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