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हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रतीक बाबा गुलाबशाह के उर्स में पहुंचे अकीदतमंद

Baba Gulab Shah's symbol of Hindu-Muslim unity reached Akidatmand

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हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रतीक बाबा गुलाबशाह के उर्स में पहुंचे अकीदतमंद

हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रतीक बाबा गुलाबशाह के उर्स में पहुंचे अकीदतमंद

नौगांव. नगर सहित समूचे बुंदेलखंड की ऐसी दरगाह जहां पर हिन्दू मुस्लिम, सिख, इसाई बाबा की दरगाह पर आते हैं। हजरत गुलाबशाह बाबा का 53 वां उर्स मंगलवार की सुबह 8 बजे शुरु हुआ। बाबा की दरगाह पर संदल ग़ुश्ल के बाद सलाम पेश कर दरगाह पर फूल पेश कर दुआ मांगी। इसके बाद बाबा की महफि़ल में अदवी कब्बालियो का प्रोग्राम शुरू हुआ, दोपहर 12 बजे से लंगर का प्रोग्राम और शाम 4 बजे बाबा को चादर पेश की गई।
बाबा के एक सप्ताह चलने वाले उर्स में कव्वालियों, लंगर और चादरों का सिलसिला बाबा के दरबार में पूरे एक सप्ताह चलेगा। बाबा के उर्स के समय दरगाह के बाहर मेले का भी आयोजन किया गया है। जिसमें खेल खिलौने ,चूड़ी कंगन,झूले ,चाट आइसक्रीम की दुकानें लगाई गईं। बाबा के मुरीद मऊरानीपुर, झांसी, ग्वालियर, आगरा, मुंबई, राजस्थान, दिल्ली, कानपुर, लखनऊ, महोबा, बांदा, पन्ना, सतना, सागर, दमोह ,रीवा से आते है और अपनी मन की मुरादे पाते हैं।
बाबा गुलाबशाह के गुरु नागपुर वाले ताजुद्दीन बाबा है। बाबा गुलाबशाह नौगांव के निवासी है और छोटी सी उमर में ही नागपुर बाबा ताजुद्दीन के पास चले गए थे। इस दरगाह के अंदर समस्त धर्मों की तस्वीरें लगी हुई है और बाबा की मजार के सिरहाने पर भगवान कृष्ण की प्रतिमा बनी हुई है। बाबा के मुरीदों का आना-जाना उर्स के अलावा पूरे साल लगा रहता है। गुलाबशाह बाबा को उनके मुरीद वंशी वाले के नाम से भी जानते हैं। यहां अकीदतमंद आते रहते हैं।