घंटों सड़क पर तड़पती रही नीलगाय, वन अमले ने इलाज की जगह झाडिय़ों में फेंका
छतरपुरPublished: Nov 03, 2019 01:36:34 am
वन अमले की मनमानी आई सामने, डीएफओ ने दिए जांच के आदेश
घंटों सड़क पर तड़पती रही नीलगाय, वन अमले ने इलाज की जगह झाडिय़ों में फेंका
घुवारा. सड़क किनारे पड़ी एक नीलगाय को बचाने के लिए लोगों ने फोन लगाकर वन विभाग को सूचना दी, लेकिन वन अमले ने उसका इलाज कराने की जगह उसे वापस से बांधकर झाडिय़ों में फेंक दिया। वन अमले की इस मनमानी का मामला सामने आने के बाद अब डीएफओ अनुपम सहाय ने जांच के आदेश दिए हैं।
मामला ग्राम कुटोरा है, जहां एक नीलगाय किसी वाहन की चपेट में आकर घायल हो गई थी। सड़क के किनारे धूप में पड़ी नीलगाय को तड़पता देख ग्रामीणों ने इसकी जानकारी मीडिया के माध्यम से अधिकारियों को दी। लेकिन कई घंटे बीत जाने के बाद भी वन अमला मौके पर नहीं पहुंचा। घायल नीलगाय के पीछे के दोनों पैर घायल थे। वह ठीक से चल नहीं पा रही थी। ग्रामीणों ने उसे पानी पिलाया पर वह दर्द से परेशान दिखी। लोगों को देखकर नीलगाय और भी भयभीत थी। कई बार सूचना दिए जाने पर वन अमला मौके पर पहुंचा और रेस्क्यू का दिखावा करते हुए नीलगाय को बांधकर वाहन में लाद लिया। घटना स्थल से महज एक किलोमीटर दूर स्वारा प्राइमरी स्कूल के सामने भैसाखेरा रोड पर वाहन रोककर घायल नीलगाय को फेंक दिया। न तो वन अमले ने नीलगाय का इलाज करवाया और न ही उसके पास कोई चौकीदार ही छोड़ा। नीलगाय अब भी यहां पड़े-पड़े तड़प रही है। इस बारे में जब बड़ा मलहरा रेंजर राकेश बिहारी खरे से बात की गई तो खुद को साहब के साथ दौरे पर होना बताया। खरे यहीं पर नहीं रुके आगे कहा कि नीलगाय मरे या जिंदा रहे उन्हें इससे लेना देना नहीं है।
जानकारी मिली है, इस मामले को अभी दिखवाता हूँ। जो भी संभव होगा नीलगाय का उचित इलाज करवाया जाएगा।
केबी गुप्ता, एसडीओ वन विभाग