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जनवरी में शुरु हो जाएगा बच्चों का आइसीयू, तीसरी ऑक्सीजन प्लांट भी

कोविड की तीसरी लहर से निपटने जिला अस्पताल में 100 बच्चों के भर्ती होने का इंतजाम6 किलोलीटर प्रतिमिनट लिक्विड ऑक्सीजन का बन रहा नया प्लांट, जनवरी में होगा शुरु

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तीसरी लहर से निपटने जिला अस्पताल में 100 बच्चों के भर्ती होने का इंतजाम

तीसरी लहर से निपटने जिला अस्पताल में 100 बच्चों के भर्ती होने का इंतजाम

छतरपुर। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोम के कारण संभावित तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच जिला अस्पताल में संसाधन व सुविधाएं बढ़ाई जा रही है। बच्चों के इलाज के लिए आइसीय, एस एनसीयू और आधुनिक वार्ड तैयार किया जा रहा है। वहीं दो ऑक्सीजन प्लांट के बाद अब 6 हजार लीटर का लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट के लिए प्लेटफार्म का निर्माण शुरु किया गया है। ये दोनों काम जनवरी में पूरे हो जाएंगे। जिसके बाद जिला अस्पताल ऑक्सीजन व बच्चों के इलाज के लिए आत्मनिर्भर हो जाएगा।

बच्चों के लिए जुटा रहे संसाधन
सिर्फ बच्चों को भर्ती करने के लिए 100 बिस्तरों का इंतजाम किया गया है। इनमें से 12 बिस्तर आधुनिक चिकित्सा संसाधनों से लैस बच्चों के आइसीयू एवं 20 बेड एसएनसीयू में मौजूद होंगे। अक्टूबर में 65 लाख रूपए की लागत से 12 बिस्तर के बच्चों के आईसीयू वार्ड का निर्माण शुरू हुआ था जो जनवरी के पहले सप्ताह तक सम्पन्न हो जाएगा। स्वास्थ विभाग के सिविल इंजीनियर अंशुल खरे ने बताया कि जेआरएल इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के द्वारा अक्टूबर में जिस कोविड आईसीयू का निर्माण शुरू किया गया था वह जनवरी में पूरा हो जाएगा।

आधुनिक आइसीयू बनाया जा रहा
इसके बाद यहां लगाए गए सेंट्रल एसी, सेंट्रल ऑक्सीजन सिस्टम सहित अन्य मशीनों को जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि जनवरी का पहला सप्ताह के खत्म होने तक अस्पताल में बनाया गया 12 बिस्तर का पीआइसीयू पूरी तरह से तैयार होगा। उन्होंने बताया कि इस आइसीयू को काफी अपडेट तरीके से निर्मित किया गया है। इसमें बच्चों के 12 बिस्तर के अलावा ऑटोक्लेब रूम, सिस्टर ड्यूटी एवं इमरजेंसी डॉक्टर ड्यूटी रूम, अटैच लैटबाथ, स्टोर सहित अन्य संसाधनों के लिए रखने की जगह निर्मित की गई है। पहले इसे 10 बिस्तर का निर्मित किया जाना था बाद में जगह होने ेके कारण सिविल सर्जन डॉ. एमके गुप्ता के प्रयास से इसे 12 बिस्तर का बनाया गया है। अस्पताल में अब बच्चों के 34 बिस्तर ऐसे हैं जिस पर सेंट्रल ऑक्सीजन सप्लाई होगी जबकि जनरल वार्ड में 60 बिस्तर अलग से मौजूद रहेंगे।

तीसरे ऑक्सीजन प्लांट का बन रहा प्लेटफॉर्म
राज्य शासन ने पहले 850 लीटर और इसके बाद केंद्र सरकार ने एक हजार लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन बनाने वाले प्लांट की स्थापना की। अब राज्य सरकार जिला अस्पताल परिसर में 6 हजार प्रति मिनट ऑक्सीजन बनाने वाले लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने जा रहा है। इस प्लांट को स्थापित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने प्लेटफार्म निर्माण शुरू कर दिया है। उपयंत्री अंशुल खरे ने बताया कि जिला अस्पताल परिसर में 6 हजार लीटर का एलएमओ (लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन) प्लांट स्थापित हो रहा है। प्लेटफार्म का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। जिसकी लागत 9 लाख रुपए रहेगी।