
9 green signal for mines
छतरपुर। 8 महीने पहले नीलामी में जिले की 48 रेत खदान लेने वाली कंपनी आनंदेश्वर एग्रो फूड प्राइवेट लिमटेड ने रेत उत्खनन का अनुबंध कर लिया है। लखनऊ की आनंदेश्वर एग्रो कंपनी ने सरकार के अनुमोदन के बाद जिला प्रशासन से जिले की सभी रेत खदानों से 17 लाख घनमीटर रेत को प्रतिवर्ष निकालने के लिए तीन वर्षों का अनुबंध कर लिया है। अनुबंध जून 2023 तक चलेगा। अनुबंध के एवज में पहले साल ठेकेदार शासन को 75 करोड़ 99 लाख रूपए एवं आने वाले दो वर्षों में 10 फीसदी के इजाफे के साथ रकम सौंपेगा। इस रकम पर जीएसटी राशि भी देनी होगी। पर्यावरण संरक्षण मंडल ने जिले की 9 खदानों रामपुर, परेई, हर्रई, कंदेला, गोयरा, बारबंद, बघारी और लसगरहया के लिए कंसेंट टू ऑपरेट जारी कर दिया है। ठेका कंपनी इन खदानों से रेत का उत्खनन एक-दो दिन में शुरु करने जा रही है।
जिले को हर साल मिलेगी 30 फीसदी राशि
जिले में फिलहाल खनिज विभाग के द्वारा 48 रेत खदानें चिन्हित की गई हैं। इन रेत खदानों से प्रति वर्ष अनुमानित 17 लाख घनमीटर रेत निकालने का ठेका ठेकेदार कंपनी को दिया गया है। पहले वर्ष ठेकेदार कंपनी शासन को इतनी रेत के एवज में 75 करोड़ 99 लाख रूपए की राशि देगी। इसके बाद आने वाले दो वर्षों में इस रकम पर 10 फीसदी इजाफा होगा जिससे यह रकम अगले साल 83 करोड़ और 2023 तक यह रकम 100 करोड़ पहुंच जाएगी। इतना ही नहीं ठेकेदार को निकाली गई रेत की मात्रा पर जीएसटी और इनकम टैक्स भी देना होगा। सरकार को मिलने वाली इस राशि में से लगभग 30 फीसदी राशि खनिज जिला कोष के अंतर्गत छतरपुर के विकास के लिए भी मिलेगी।
फिलहाल 30 जून होगा उत्खनन
सरकार ने राजस्व बढ़ाने के लिए मानसून सीजन के दौरान भी जिलों के कलेक्टरों को आदेश जारी किए हैं कि जब तक जिलों में अच्छी बारिश न हो तब तक ठेकेदार कंपनियों को उत्खनन की अनुमति दी जाए। फिलहाल टीकमगढ़ और पन्ना में शर्तों के आधार पर 30 जून तक उत्खनन की अनुमति जारी की गई है। छतरपुर में भी 30 जून तक धड़ल्ले से रेत का उत्खनन हो सकेगा। राजस्व मंत्रालय ने 18 जून को जारी एक पत्र में कलेक्टरों को बारिश की मात्रा के हिसाब से उत्खनन की अनुमति देने के अधिकार दिए हैं।
पन्ना-टीकमगढ़ की तुलना में महंगी दर पर हुआ ठेका
ठेकेदार कंपनी के साथ रेत उत्खनन को लेकर हुए अनुबंध के तहत अब जिले की संपूर्ण रेत पर इसी कंपनी का एक छत्र राज होगा। खनिज विभाग द्वारा चिन्हित 48 रेत खदानों के अलावा लगभग 17 निजी भूमि खदानें एवं आधा दर्जन रेत के डंप भी इसी कंपनी को सुपुर्द किए जाएंगे। एक ही ठेकेदार के पास रेत का संपूर्ण काम पहुंचने के कारण रेत ठेकेदार रेत के दामों को लेकर मनमानी कर सकता है। हालांकि पन्ना और टीकमगढ़ के मुकाबले छतरपुर में दिया गया रेत का ठेका पहले ही काफी महंगा दिया गया है। पन्ना और टीकमगढ़ में लगभग 300 रुपए प्रति घनमीटर के हिसाब से रेत की कीमत तय की गई है जबकि छतरपुर में इसकी कीमत लगभग 485 रूपए प्रति घनमीटर के हिसाब से ठेकेदार को दी जा रही है।
9 खदानों के लिए जारी हुई अनुमति
आनंदेश्वर एग्रो फूड प्राइवेट लिमटेड कंपनी के साथ जिला प्रशासन का अनुबंध हो चुका है। अभी 9 खदानों से रेत निकाली के लिए सीटीओ जारी किया गया है। वैधानिक उत्खनन के अलावा अवैध उत्खनन पर सख्त कार्यवाही होगी।
अमित मिश्रा, खनिज अधिकारी, छतरपुर
Published on:
21 Jun 2020 09:00 am
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