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खुले में फिर रहे मवेशियों में फिर से लंपी वायरस का खतरा

खुले में फिर रहे मवेशियों का अभी तक नहीं हो सका वैक्सीनेशन

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खुले में फिर रहे मवेशियों में फिर से लंपी वायरस का खतरा

खुले में फिर रहे मवेशियों में फिर से लंपी वायरस का खतरा

छतरपुर. जिले में अभी तक पालतू मवेशियों को लंपी वायरस से बचाने के लिए वैक्सीनेशन किया गया है। लेकिन गौशाला में रह रहे व सड़कों में फिर रहे मवेशियों का अभी तक वैक्सीनेशन नहीं किया गया है। जिससे उनमें अभी भी इस वाायरस का खतरा बना हुआ है। लेकिन इसके बचाव के प्रति विभाग की ओर से ठोस प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।

शहर की कॉलोनियों व सड़कों में फिर रहे मवेशियों को वैक्सीनेशन के लिए विभाग की ओर से कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। प्रयास नहीं होने से गोवंश को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है और ऐसे में लंपी वायरस के कारण कई की मौत भी हो चुकी है, लेकिन विभाग के पास इसकी जानकारी नहीं है। खुले में फिर रहे गोवंश में से किसी को लंपी वायरस होने पर उसके सम्पर्क में आने वाले अन्य मवेशी को भी इससे खतरा बन रहा है। लेकिन इससे उन्हें बचाने के लिए न तो कोई समाजसेवी संगठन सामने आ रहे हैं और न ही विभाग की ओर से ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। विभाग की ओर से बताया जा रहा है के अभी तक जिले भर में लंपी वायरस से बचाव के लिए करीब २ लाख ९० हजार वैक्सीनेशन किए जा चुके हैं। इनमें से खुले में फिर रहे मवेशियों में वैक्सीनेशन नहीं हो पा रहा है। विभाग के उपसंचालक आरए सेन ने बताया कि खुले में फिर रहे मवेशियों को वैक्सीनेशन के लिए वालेंटियर की जरूरत है, जो जानवरों को पकड़ कर वैक्सीनेशन कराने में विभाग की मदद कर सकें। लेकिन अभी तक कुछ लोग ही मिल सके हैं। बताया कि बडी संख्या में गोवंश को वैक्सीनेशन किए जाने की जरूरत हैं लेकिन जानवर पकड़ में नहीं आने से समस्या हो रही है। फिर भी हमारी ओर से प्रयास किए जा रहे हैं।

गौशालाओं में भी वैक्सीनेशन से छूटे जानवर

जिले के कई गोशाला ऐसे हैं जहां पर जानवरों को दिन में बाहर निकाल दिया जाता है और शाम होने पर उसे गोशाला के अंदर कर दिया जाता है। कई बाद यहां पर गोवंश की संख्या कम व कई बाद अधिक होती है। ऐसे में यहां पर काफी संख्या में ऐसे गोवंश हैं। जिनका अभ्ीा तक वैक्सीनेशन नहीं हो सका है। लेकिन न तो इसको लेकर गोशाला संचालक ध्यान दे रहे हैं और न ही विभाग।

बीमार होने से दिखाते हैं बाहर का रास्ताजिले के कुछ गोशालाएं ऐसी हैं जहां पर गायों की सेवा के नाम पर मात्र दिखावा ही किया जा रहा है। यहां पर गोवंश के बीमार होने पर उसे बाहर कर दिया जाता है और यहां पर मात्र स्वास्थ्य गायों को ही रखा जाता है।

इनका कहना है

खुले में फिर रहे मवेशियों को वैक्सीनेशन के लिए वालेंटियर की जरूरत है, जो जानवरों को पकड़ कर वैक्सीनेशन कराने में विभाग की मदद कर सकें। लेकिन अभी तक कुछ लोग ही मिल सके हैं। आरए सेन, उपसंचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं