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गर्भवती महिलाओं को टेक होम राशन वितरण की एप पर एंट्री शुरू, पोषण ट्रैकर से मिलेगी पारदर्शिता

अब गर्भवती महिलाओं के लिए टेक होम राशन वितरण को ऑनलाइन ट्रैक करने के लिए पोषण ट्रैकर एप पर एंट्री शुरू कर दी गई है। इस नई व्यवस्था से राशन वितरण में पारदर्शिता आएगी और इससे जुड़े सभी कार्य ऑनलाइन ट्रैक किए जा सकेंगे।

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mahila avam bal vikas

महिला एवं बाल विकास अधिकारी कार्यालय

छतरपुर. जिलेभर में आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से वितरित होने वाले पोषण आहार में गड़बड़ी की आशंका को खत्म करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग ने एक नई व्यवस्था शुरू की है। अब गर्भवती महिलाओं के लिए टेक होम राशन वितरण को ऑनलाइन ट्रैक करने के लिए पोषण ट्रैकर एप पर एंट्री शुरू कर दी गई है। इस नई व्यवस्था से राशन वितरण में पारदर्शिता आएगी और इससे जुड़े सभी कार्य ऑनलाइन ट्रैक किए जा सकेंगे।

चेहरा पढऩे और ओटीपी प्राप्त करने के बाद ही राशन

इसके तहत अब टेक होम राशन (टीएचआर) वितरण के लिए हितग्राहियों का चेहरा पढऩे और ओटीपी प्राप्त करने के बाद ही राशन का वितरण किया जाएगा। महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस व्यवस्था के माध्यम से सभी हितग्राहियों का पंजीयन पोषण ट्रैकर एप पर कर लिया गया है, जिसमें मोबाइल नंबर और आधार लिंक किया गया है।

2058 आंगनबाड़ी केंद्र

वर्तमान में जिले के विभिन्न क्षेत्रों जैसे छतरपुर, नौगांव, लवकुशनगर, बिजावर, बड़ामलहरा, बकस्वाहा, राजनगर और गौरिहार में 2058 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इन केंद्रों के माध्यम से प्रत्येक मंगलवार को हितग्राहियों को टेक होम राशन वितरित किया जाता है। अब इस एप पर गर्भवती महिलाएं, स्तनपान कराने वाली माताएं, 6 महीने से 3 वर्ष तक के बच्चे और किशोरियों का पंजीयन ऑनलाइन किया जा चुका है।

वितरण प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे

इसके साथ ही विभाग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इन केंद्रों पर वितरण प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे और कोई भी गड़बड़ी न हो। कई बार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता केंद्र पर देर से पहुंचते थे, जिसके कारण राशन का वितरण पूरी तरह से नहीं हो पाता था और बचा हुआ राशन अवैध रूप से विक्रय कर दिया जाता था। इस नई व्यवस्था के लागू होने से ऐसी गड़बड़ी पर रोक लगेगी।

हालांकि, इस व्यवस्था को लेकर कुछ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में विरोध भी देखने को मिल रहा है। उनका कहना है कि ओटीपी आधारित प्रक्रिया में कई तरह के धोखाधड़ी हो सकती है, और कुछ क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या भी आ रही है, जिससे ओटीपी प्राप्त करने में कठिनाई होती है। फिर भी, महिला एवं बाल विकास विभाग का कहना है कि यह व्यवस्था पोषण आहार वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए जरूरी है, और इसे बेहतर बनाने के लिए प्रशिक्षण व अन्य गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।