
There will be irrigation in Chhatarpur-Panna-Damoh
छतरपुर। दमोह-पन्ना-छतरपुर जिले की 12 लाख 50 हजार एकड़ जमीन की सिंचाई की अटकी पड़ी बुंदेलखंड सिंचाई परियोजना पर जल्द काम शुरु हो सकता है। वर्ष 2018 में विधानसभा चुनाव के चलते बीच में अटक गई इस परियोजना का काम शुरु करने के लिए खजुराहो सांसद व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जल्द काम शुरु करने की अपील की है। उन्होंने सिंचाई मंत्री को भी पत्र लिखा है ौर मुख्यमंत्री से उन्होंने व्यक्तिगत रुप से भी बात कर परियोजना का काम शुरु कराने की दिशा में पहल की है। जलसंकट से जूझने वाले बुंदेलखंड का सूखा दूर करने के लिए दमोह के पटेरा क्षेत्र में बुंदेलखंड बृहद सिंचाई परियोजना बनाने की योजना है। इस परियोजना से छतरपुर, पन्ना और दमोह को पानी मिलेगा। 17 हजार करोड़ रुपए की यह परियोजना दमोह की व्यारमा नदी, सुनार नदी और पन्ना की पतने नदी पर बनेगी।
12 लाख 50 हजार एकड़ में होगी सिंचाई
इस प्रोजेक्ट से 12 लाख 50 हजार एकड़ में सिंचाई होगी। छतरपुर जिले को इस परियोजना से 7 लाख 50 हजार एकड़ में सिंचाई के लिए पानी मिलेगी। वहीं पन्ना में ढ़ाई लाख एकड़ और दमोह में हटा, पटेरा क्षेत्र एक से डेढ़ लाख एकड़ में सिंचाई होगी। बुंदेलखंड सिंचाई परियोजना के अंतर्गत दमोह, छतरपुर, पन्ना जिलों में रवि फसल की सिंचाई होग। परियोजना में व्यारमा नदी परियोजना के अंतर्गत व्यारमा बांध एवं सुनार पिकअप वेयर का निर्माण प्रस्तावित है । यह बांध दमोह जिले के ग्राम कुलपुरा के समीप व्यारमा नदी पर एवं सुनार पिकअप बांध के डम स्टीम पर व्यारमा एवं सुनार नदी के संगम स्थल पर प्रस्तावित है। सुनार से लगभग 17 किलोमीटर अप्रोच चैनल एवं लगभग 39 किलोमीटर की टनल के माध्यम से खेतों में पानी पहुंचाया जाएगा। पतने नदी सिंचाई परियोजना पन्ना जिले के पवई विकासखंड के ग्राम खमरिया में पतने नदी पर प्रस्तावित है, इस परियोजना के अंतर्गत पन्ना जिले की तीनों विधानसभा की एक लाख 20 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई का प्रावधान है। प्रस्तावित परियोजना से पन्ना जिले के लगभग 400 से अधिक ग्राम सिंचाई से लाभान्वित हो सकेंगे। बुंदेलखंड सिंचाई परियोजना के माध्यम से खजुराहो संसदीय क्षेत्र के पन्ना जिले की तीनों विधानसभा गुनौर,पवई,पन्ना एवं छतरपुर जिले की 2 विधानसभा राजनगर एवं चंदला के संपूर्ण क्षेत्र में सिचाई उपलब्ध होगी। खजुराहो सांसद विष्णु दत्त शर्मा के द्वारा सिंचाई मंत्री को भी एक पत्र लिखा है, जिसमें पन्ना जिले की भितरी मुरमुरु सिंचाई परियोजना जोकि गुनौर तहसील के अंतर्गत आती है इसमें बांधों के निर्माण के अतिरिक्त माइनर नहर कार्य की निविदा एवं वन भूमि की स्वीकृति के साथ साथ जल्द ही कार्य पूर्ण कराए जाने के लिए संदर्भ में जल संसाधन मंत्री से मांग की गई है।
परियोजना से होगा बारिश के जल का संरक्षण
व्यारमा नदी का उद्गम सागर जिले की रहली तहसील की जोहरी टोरिया पहाड़ी से है, जो उत्तर-पूर्व की ओर बहती हुई, हटा तहसील के खमरगौर गांव के पास सुनार नदी में मिल जाती हैं। यह नदी तेंदूखेड़ा ब्लॉक के तारादेही के बाद जबेरा ब्लॉक के नोहटा से होते हुए जबेरा ब्लॉक के नोहटा, बनवार, घटेरा होते हुए पटेरा ब्लॉक हरदुआ, कोटा, बर्रट, इमलिया होते हुए हटा ब्लॉक के बिजवार से होती हुई गैसाबाद के आगे खमरगौर में सुनार नदी में मिल जाती है। सागर से लेकर दमोह जिले के पहाड़ी क्षेत्रों होने वाली बारिश का पूरा पानी व्यारमा नदी में आता है, लेकिन इस अथाह जलराशि का संरक्षण न होने के कारण बारिश का सीजन खत्म होते ही व्यारमा नदी सूखी हुई नजर आती है। व्यारमा नदी पर दसौंदी, कनियाघाट, गोपालपुरा, जुझारघाट, घाट पिपरिया सहित 15 से अधिक अधिक स्टापडैम बनाए गए हैं, लेकिन इन स्टापडैमों में कड़ी शटर न लगने और कई जगह रिसाव होने के कारण भी बारिश का पानी नहीं रुक पाता है। बुंदेलखंड सिंचाई परियोजना के तहत बारिश के इस पानी को संरक्षित कर सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
Published on:
26 Jul 2020 06:00 am
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