अब तक 11 हजार लोगों की जांच
मिशन के तहत 11 से अधिक लोगों की जांच की जा चुकी है, जिसमें से 15 प्रतिशत महिलाओं की कमर की परिधि निर्धारित सीमा (80 सेंटीमीटर) से अधिक पाई गई। वहीं 10 से 12 प्रतिशत पुरुषों की कमर भी 90 सेंटीमीटर से अधिक रही, जिससे उनमें फैटी लिवर की आशंका व्यक्त की जा रही है। जिन लोगों में यह प्रारंभिक संकेत मिले हैं, उन्हें निकटतम आयुष्मान आरोग्य मंदिर भेजा जा रहा है, जहां उनकी विस्तृत जांच कराई जाएगी और आवश्यकता होने पर उन्हें विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श के लिए रेफर किया जाएगा।
30 साल से अधिक आयु वालों पर विशेष ध्यान
सीएमएचओ डॉ. आरपी गुप्ता ने जानकारी दी कि यह अभियान मुख्य रूप से 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के नागरिकों के लिए संचालित किया जा रहा है। इस अभियान में प्रत्येक व्यक्ति की लंबाई, वजन और कमर की माप की जा रही है, ताकि मोटापा और उसके कारण उत्पन्न होने वाली फैटी लिवर जैसी बीमारियों को समय रहते पकड़ा जा सके। उन्होंने बताया कि आज के दौर में मोटापा, मधुमेह (डायबिटीज) और उच्च रक्तचाप जैसे रोगों का सीधा संबंध फैटी लिवर से है। यदि इनका समय पर पता चल जाए, तो यह पूरी तरह से नियंत्रण में लाया जा सकता है।
वजन कम करने के लिए सुझाव
जिन लोगों में मोटापा या बढ़ी हुई कमर की परिधि पाई गई है, उन्हें डॉक्टरों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा वजन कम करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं। 5 से 10 प्रतिशत वजन कम करने का लक्ष्य तय करने की सलाह दी गई है। हर सप्ताह 150 मिनट व्यायाम करने जैसे तेज चलना, दौडऩा, तैराकी या साइकिल चलाना जरूरी बताया गया है। हर घंटे 5 मिनट का ब्रेक लेकर चलने-फिरने की आदत अपनाने पर जोर दिया जा रहा है। तेल का उपयोग 10 प्रतिशत तक कम करने और प्रतिदिन 500 ग्राम हरी सब्जियां खाने की सलाह दी गई है।
जिला अस्पताल में नि:शुल्क जांच, स्वास्थ्य कार्यकर्ता कर रहे जागरूक
यह संपूर्ण जांच प्रक्रिया नि:शुल्क रूप से जिला अस्पताल सहित विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध है। इस अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की टीम सक्रिय रूप से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर रही है और जांच के लिए प्रेरित कर रही है।फोटो- सीएचपी 100625-72- जांच प्रक्रिया करते हुए