
टीकमगढ़ सांसद ने संसद में उठाया था मुद्दा
छतरपुर। बुंदेलखंड में स्वास्थ सुविधाओं को बढ़ाने के लिए खजुराहो में एम्स जैसे अस्पताल या मेडिकल कॉलेज की जल्द स्थापना की पहल शुरु हुई है। टीकमगढ़ सांसद डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने छतरपुर जिले में मेडिकल कॉलेज अस्पताल खोलने की योजना को तीसरे चरण से पहले चरण की प्राथमिकता में रखने का मुद्दा संसद के शून्यकाल में उठाया था। इसके साथ ही 16 सिंतबर को सांसद डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने केन्द्रीय स्वास्थ मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र भी लिखा। इधर, खजुराहो से सांसद विष्णु दत्त शर्मा ने इस पिछड़े इलाके को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दिलाने के लिए पहल शुरु कर दी है। वे राज्य से लेकर केंद्र के जिम्मेदार लोगों से इस मसले पर चर्चा भी कर चुके हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से मुलाकात कर बुंदेलखंड में एम्स की तर्ज पर अस्पताल की स्थापना की मांग की। राजनीतिक तौर पर एम्स की कदम ताल तेज हो रही है। बुंदेलखंड चिकित्सकीय अभाव ग्रस्त इलाका है। इस इलाके के भौगोलिक क्षेत्र में मघ्यप्रदेश के सात जिले दतिया, टीकमगढ, निवाडी, छतरपुर, पन्ना, दमोह, सागर जबकि उत्तर प्रदेश के सात जिले जालौन, ललितपुर, हमीरपुर, झांसी, महोबा, बांदा, चित्रकूट आते हैं। बुंदेलखण्ड की एक प्रमुख समस्या समुचित स्वास्थ्य सुविधा का न होना है। इसी को देखते हुए अब एम्स या मेडिकल कॉलेज को लेकर कवायद तेज हो गई है।
इसलिए खजुराहो को चुना जा रहा
देश में चिकित्सा के क्षेत्र में एम्स (आल इंडिया इन्स्टीटयूट ऑफ मेडिकल साइंस) का सबसे अहम स्थान है। एम्स नई दिल्ली के उपरांत भुवनेश्वर उड़ीसा राज्य में, रायपुर छत्तीसगढ़ राज्य में ,भोपाल एम्स एमपी राज्य में, जोधपुर राजस्थान राज्य में, पटना बिहार राज्य में, ऋषिकेष उत्तराखंण्ड राज्य में स्थापित हुए हैं। केंद्र सरकार की और भी स्थानों पर एम्स स्थापित करने की योजना है। इसमें बुंदेलखंड को भी शामिल किया जा सकता है। खजुराहो से दिल्ली, मुम्बई के लिये विमान सेवा भी संचालित है। यदि खजुराहो के पास एम्स की स्थापना की जाती है, तो इसका लाभ उत्तर प्रदेश के साथ मध्य प्रदेश के एक दर्जन से ज्यादा जिलों के लोगों को मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने पिछले कार्यकार्य में टूरिज्म हॉस्पिटल योजना की बात कही थी। जिसमें एयर केनेटिविटी वाले पर्यटन स्थल पर बड़े अस्पताल स्थापित करने की योजना है। ताकि न केवल देश बल्कि विदेश के मरीज भी इलाज के लिए आ सके। इससे देश का पर्यटन बढ़ेगा और विदेशी नागरिक जो भारत में सस्ता इलाज कराने आते हैं, उन्हें भी आसानी होगी। इसी योजना को ध्यान में रखते हुए खजुराहो के नाम की पहल शुरु हुई है।
अभी जबलपुर-ग्वालियर की लगानी पड़ती है दौड़
मघ्यप्रदेश के सात जिलों में से दतिया और सागर में मेडिकल कॉलेज हैं, इसी प्रकार उत्तर प्रदेश में झांसी में मेडिकल कॉलेज हैं। लेकिन मेडिकल कॉलेज में आधुनिक स्वास्थ सेवाएं एम्स स्तर की न होने से क्षेत्र में गंभीर बीमारी होने पर बेहतर इलाज के लिए कानपुर, नागपुर जबलपुर अथवा ग्वालियर जाना पड़ता है। आर्थिक रुप से पिछड़ा होने के कारण परिजन अपने मरीज को कानपुर ,नागपुर, जबलपुर अथवा ग्वालियर ले जाने में सक्षम नहीं होते, जिस कारण समुचित इलाज नहीं मिल पाता।
इन योजनाओं के तहत जागी उम्मीद
वर्ष 2020 के सितंबर माह लोकसभा सत्र के शून्यकाल में टीकगमढ़ सांसद डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने एम्स की तर्ज पर छतरपुर जिले में आधुनिक हॉस्पिटल का मुद्दा उठाया था। उन्होंने छतरपुर में मेडिकल फेसिलिटी बढ़ाने की योजना को प्राथमिकता के तीसरे चरण से दूसरे या पहले चरण में रखने की बात संसद में उठाई थी। इस मुद्दे पर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने भी सहमति जताते हुए केन्द्र के मंत्रियों व जिम्मेदार पदाधिकारियों से इस बारे में चर्चा की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने वर्तमान कार्यकाल में ही चार संसदीय क्षेत्रों के बीच एम्स की तर्ज पर हॉस्पिटल खोलने की बात कही है। पीएम की इस योजना के तहत ही छतरपुर जिले में एम्स की तर्ज पर हॉस्पिटल खोलने की पहल शुरु हुई है।
Published on:
21 Jan 2021 07:37 pm
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