- मामले के सह आरोपी को पुलिस अभी तक नहीड्ड पकड़ सकी
छतरपुर। कुल्हाड़ी से हमला कर हत्या करने के एक मामले में कोर्ट द्वारा आरेपी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश नोरिन निगम की अदालत ने मामले के एक आरोपी को उम्रकैद के साथ पांच हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई। वहीं इसी मामले का एक अन्य आरोपी फरार है। एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि खौंप निवारी गांव के रहने वाले फरियादी कालीचरण ने थाना गढ़ीमलहरा में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसने और उसके गांव के कामता ढीमर, सूरज ढीमर ने तालाब में खरबूज, ककड़ी, तरबूज आदि की फसल बोई थी। तीनों लोग तालाब के पास टपरिया बनाकर परिवार के साथ रहते थे। 19 मई 2007 को रात 11 बजे सूरज का भाई हल्के भैया उर्फ भगत निवासी ढड़त जिला महोबा, मुन्ना ढीमर और एक अन्य साथी उसकी टपरिया में आए और पूछा कि कामता की टपरिया कहां बनी है। उसने नहीं बताया तो तीनों लोग गालियां देने लगे। डर कर वह कामता की टपरिया बताने साथ चला गया। बीच रास्ते से कामता भाग गया जिससे कामता की पत्नी देवकुंवर को हल्के भइया ने कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। कल्लू ने बीच-बचाव किया तो उसे भी कुल्हाड़ी मार दी। मुन्ना ढीमर और उसके साथी ने कट्टा की बट से मारपीट किया। गांव के लोगों के आने पर आरोपीगण कर भाग गए। इलाज के दौरान कल्लू की मौत हो गई थी।
न्यायाधीश नोरिन निगम की कोर्ट ने सुनाई सजा:
अभियोजन की ओर से एजीपी प्रवीण द्विवेदी ने पैरवी करते हुए गवाह सबूत कोर्ट के सामने पेश किए और आरोपी को कठोर सजा देने की अपील की। चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश नोरिन निगम की अदालत ने फैसला सुनाया कि आरोपी हल्के ने कल्लू की हत्या की और देवकुंर के ऊपर प्राण घातक हमला किया। कोर्ट ने हल्के को आईपीसी की धारा 302 में आजीवन कारावास के साथ तीन हजार रुपए जुर्माना व धारा 307 में सात साल की कठोर कैद के साथ दो हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई है। गौरतलब है कि मामले के सहआरोपी राजू के खिलाफ पूर्व में फैसला हो चुका है और तीसरा आरोपी मुन्ना ढीमर आज भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।