मौसम का मिजाज बदलने से बढ़े सर्दी जुकाम के मरीज
छतरपुर. मौसम का मिजाज एक बार फिर बदलाव देखने को मिला है, बुधवार को आसमान में बादल छाए रहे और तेज हवाओं को रुख रहा। जिससे मौसम में ठंढ़ घुल गई। इसके बाद गुरुवार को सुबह-सुबह हल्की बूंदाबांदी हुई। हालात कि दिन में १० बजे के बाद आसपास हल्के साफ हुए और तीखी धूप रही। इस मौसम के बदलाव से एक ओर जहां किसानों को चिंता में डाल दिया है तो वहीं मौसमी बीमारियों ने भी असर दिखाया है।
मंगलवार को मौसम में हल्का बदलाव शुरू हुआ और बुधवार को दोपहर बाद बादल छा गए। इसके बाद शाम को ठंडी हवाएं चलने लगीं। इसके बाद सुबह सुबह हल्की बूंदाबांदी हुई। जिससे गुरुवार को सुबह सर्दी का जोर दिखा। हालांकि करीब १० बजे के बाद से आसमान साफ होने लगे और तीखी धूप निकली। जिससे किसानों ने राहती की सांस ली।
मुक्तीधाम के पास रहने वाले किसान बद्री कुशवाहा, प्रेमनारायाण कुशवाहा ने बताया कि मौसम में बदलाव होने के बाद ही हल्की बूंदाबादी भी हुई, जिसने किसानों को चिंता में डाल दिया। अगर बारिश होती है तो खेतों में इन दिनों गेहूं, जौ, चना, मसूर और सरसों की कटाई का काम चल रहा है और अगर बारिश होती है तो किसानों को काफी नुकसान हो सकता है। वहीं बीती रात चली तेज हवाओं के चलने से खेतों में खड़ी गेहूं की फसल को नुकसान पहुुंचाया है।
ये रहा मौसम का मिजाज
मौसम विज्ञान केंद्र खजुराहो से आरके परिहार ने बताया कि यह बदलाव पश्चिमी बिछोभ का असर है। यह दिल्ली की ओर से आया था, जिसके शुक्रवार को रात में निकलने की आसार बन रहे हैं। इस दौरान अधिकतम तापमान ३३.४ डिग्री और न्यूनतम १६.५ डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है। बुधवार व गुरुवार की रात में हवा की गति २५ से ३० किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दर्ज की गई।
तेज हवाओं से भी नुकसान
बारिश और ओलों की मार झेल चुके किसान फिर से चिंता में पड़ गए हैं। बुधवार को अचानक मौसम में आए बदलाव ने फसल की सुरक्षा को लेकर उनकी चिंता बढ़ा दी है। इस वक्त खेतों में जौ, सरसों, चना व गेहूं की फसल पककर तैयार है। ऐसे में बारिश और तेज हवा से काफी नुकसान हो सकता है। जल्दी-जल्दी कटाई कर गेहूं को घरों तक सुरक्षित पहुंचाने का कार्य तेज हो गया है।
गांवों व शहर दोनों जगह बढ़ रहे मरीज, मच्छर बन रहे वजह
मौसम बदलने के साथ सर्दी, जुकाम, खांसी, गले में दर्द, सिरदर्द, शरीर में दर्द, तेज बुखार हो रहा है। शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों से उल्टी-दस्त और बुखार के मरीज भी बड़ी संख्या में अस्पताल में आ रहे हैं। खानपान और रहन-सहन पर ध्यान दिया जाए तो बीमारियों के प्रकोप से बचा जा सकता है।