
एसआइआर सर्वे की मॉनिटरिंग करते कलेक्टर पार्थ जैसवाल
जिले में छह विधानसभा क्षेत्रों में हाल ही में संपन्न एसआइआर सर्वे ने मतदाता सूची में व्यापक सुधार कर दी है। 6 दिसंबर 2025 शाम 6 बजे तक जारी अंतिम रिपोर्ट के अनुसार छतरपुर जिले के कुल 1447211 मतदाताओं का डेटा डिजिटाइज कर लिया गया है। इससे मतदाता सूची अधिक पारदर्शी, अद्यतन और विश्वसनीय हो गई है।
एसआइआर सर्वे ने कई अहम तथ्य उजागर किए। सर्वे के दौरान यह पाया गया कि जिले में 16076 मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी थी, लेकिन उनके नाम वोटर लिस्ट में अभी भी दर्ज थे। इसके अतिरिक्त, 4594 मतदाताओं के नाम डुप्लिकेट पाए गए, यानी उनका नाम एक से अधिक स्थान पर दर्ज था।
विधानसभा क्षेत्र मृत / अपात्र नाम हटाए गए ट्रेस न होने वाले स्थायी शिफ्ट हुए कुल हटाए गए नाम
महाराजपुर (48) 3,920 2,360 4,591 7,641
चंदला (49) 1,361 1,076 1,735 2,746
राजनगर (50) 7,886 2,473 6,926 7,397
छतरपुर (51) 17,673 2,360 4,591 7,641
बिजावर (52) 3,845 2,645 1,009 7,256
मलहरा (53) 7,059 2,095 5,072 7,497
आंकड़ों से स्पष्ट है कि छतरपुर विधानसभा सबसे आगे रही, जहां सबसे अधिक मृत या अपात्र मतदाताओं के नाम हटाए गए। इसके बाद मलहरा विधानसभा दूसरे स्थान पर रही।
बीएलओ द्वारा घर-घर सर्वे में यह भी सामने आया कि 17355 मतदाता किसी तरह ट्रेस नहीं हो पाए। इनमें वे लोग शामिल थे जिनके घर बंद मिले या जिनके परिवार ने बताया कि वे कहीं और रह रहे हैं। साथ ही, 39346 मतदाता स्थायी रूप से दूसरे स्थान पर शिफ्ट हो चुके थे, यानी लंबे समय से अपने मूल पते पर निवास नहीं कर रहे थे। इन सभी नामों को मतदाता सूची से हटाकर सूची को और अधिक सटीक बनाया गया।
जिन मतदाताओं की मैपिंग नहीं हो पाई है, उनके लिए 11 दिसंबर 2025 तक दस्तावेज़ के साथ स्वयं उपस्थित होने पर उनके नाम फिर से मतदाता सूची में जोड़े जाएंगे। जिला निर्वाचन कार्यालय ने सभी बीएलओ को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह कदम मतदाताओं के लिए अवसर है कि वे अपने नाम को सही और अद्यतन कर चुनाव प्रक्रिया में भाग ले सकें।
छतरपुर जिले की सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में कुल 1447211 मतदाताओं का गणना पत्रक डिजिटाइज किया गया। जिले ने न केवल 100 प्रतिशत लक्ष्य पूरा किया, बल्कि समय सीमा से पहले सर्वे को पूरा कर बड़ी उपलब्धि हासिल की। सर्वेक्षण के दौरान यह विशेष ध्यान रखा गया कि एक ही मतदाता का नाम केवल एक स्थान पर दर्ज हो, डुप्लिकेट नाम अलग किए गए और ट्रेस न होने वाले मतदाता सूची से हटाए गए। इस प्रक्रिया से मतदाता सूची की पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ी और वास्तविक मतदाता संख्या का आंकलन सटीक हुआ।
कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने कहा कि एसआइआर सर्वे का कार्य पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ किया गया। उन्होंने सभी एसडीएम, नायब तहसीलदार और बीएलओ को निगरानी के लिए सक्रिय रखा। कलेक्टर ने मतदाताओं से विशेष अपील की कि यदि उनका नाम किसी कारणवश सूची में नहीं है या गलत स्थान पर दर्ज है, तो वे 11 दिसंबर तक बीएलओ के पास जाकर इसे सुधारवाएं। यह पहल जिले में चुनावी प्रक्रिया को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
Published on:
09 Dec 2025 10:38 am
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