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मुंशी प्रेमचंद्र की 120 कहानियों का ऑडियो बुक तैयार, apple ने app store में दी जगह

मुंशी प्रेमचंद्र की कहानियों के संग्रह को एप्पल ने दी अपने एप स्टोर में जगह, दुनियां भर की ऑडियो बुक के बीच फिलहाल तीसरे स्थान पर है समीर गोस्वामी की

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Munshi premchand

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रफी अहमद सिद्दीकी छतरपुर. मेहनत, लगन और समर्पण भरे संकल्प से सबकुछ संभव है। इसे एक बार फिर सच कर दिखाया है महाराज छत्रसाल की नगरी छतरपुर में रहने वाले साहित्य प्रेमी समीर गोस्वामी ने। उन्हें साहित्य साधना का ऐसा जुनून सवार हुआ कि उन्होंने कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद्र की करीब १२० कहानियों का ऑडियो बुक तैयार कर लिया है। इस ऑडियो बुक की क्वालिटी देखते हुए अमेरिका की मल्टीनेशनल संस्था एप्पल ने उसे बेवसाइड में जगह दी है।विश्व भर से एप्पल के पास आई ऑडियो बुक में से समीर गोस्वामी द्वारा तैयार की गई मुंशी प्रेमचंद्र की कहानियों की ऑडियो बुक फिलहाल तीसरे स्थान पर है। अब मुंशी प्रेमचंद्र की कहानियों को आते जाते कहीं भी ऑडियो के माध्यम से सुना जा सकता है।
शहर के सागर रोडपर रहने वाले ४६ वर्षीय समीर गोस्वामी बैसे तो सिविल इंजीनियर हैं और उनकी इंजीनियरिंग की पढ़ाईअंग्रेजी में हुई लेकिन उन्हें बचपन से ही हिंदी साहित्य के प्रति लगाव है।वह शुरू से ही कहानियां व कविताएं लिखते आ रहे हैं।वह आकाशवाणी के आकस्मिक उद्घोषक हैं और व्यवसायी भी हैं। समीर गोस्वामी ने बताया कि आज की पीढ़ी को पढऩे की फुरसत नहीं है लेकिन वो गाड़ी चलाते वक्त या फिर काम करते वक्त किसी भी साहित्य को सुन सकती है।घरेलू महिलाएं किचिन में काम करते वक्त साहित्य को सुन सकती हैं। इसलिए ये विचार आया कि मुंशी प्रेमचंद्र के साहित्य को जनजन तक पहुंचाने के लिए सबसे अच्छा तरीका हैइसको ऑडियो बुक में बदलना। फिर क्या था मुंशी प्रेमचंद्र के साहित्य की ऑडियो बुक बनाने का काम जून २०१६ में शुरू कर दिया।

इसके लिए मुंशी प्रेमचंद्र की साहित्या सामग्री का पूरा साहित्य खरीदा। जब भी बाहर गए तो रेलवे स्टेशन की बुक स्टाल अथवा अन्य बुक स्टालों से मुंशी प्रेमचंद्र की कहानियों की किताब देखी और उसे खरीद लिया।मुंशी प्रेमचंद्र का साहित्या कॉपीराइट से फ्री हो गया है।इसलिए इंटरनेट से भी मदद ली। हालांकि ऑडियो बुक तैयार करने में कुछ दिक्कतें भी हुईं।मुंशी प्रेमचंद्र जी ने कईजबह ऐसी भाषा और शब्दों का इस्तेमाल प्रयोग किया आज आम बोलचाल की भाषा में नहीं है। ऐसे में उन्होंने जैसा लिखा वैसा ही पढऩे में कठिनाईआती है। कईबार ऐसे शब्द मिल जाते हैं जिसका अर्थपता नहीं होता।तो पहले इसका अर्थपता करना पड़ता है।ताकि पढ़ते समय उसी भावना और भावर्थमें पढ़ा जा सके।

ऑडियो बुक तैयार होने के बाद उसकी क्वालिटी को सबसे पहले ऑडियो बूम की वेबसाइड ने मार्च२०१७ में अपनी वेबसाइडव एप में जगह दी और एप्पल आइट्यून के पॉडकास्ट ने उसे प्रसारित करना शुरू कर दिया। अभी १९ दिसंबर २०१७ को एप्पल के एडीटर ने उसे पंसद करनते हुए मुंशी प्रेमचंद्र की कहानियों पर तैयार की गई ऑडियो बुक को न्यू एंडनोटवर्दी बताता।एप्पल ने उसे अपने एप स्टोर में तीसरे स्थान पर रखा है। समीर गोस्वामी का कहना हैकि मुंशी प्रेमचंद्र ने सवर्ण पुरुष होने के बाद भी एक दलित महिला की पीड़ा को महसूस कर अपने साहित्य में जगह दी।इसके अलावा मुंशी प्रेमचंद्र ने उस जमाने में पर्दाप्रथा, बाल विवाह, दहेज प्रथा के विरोध में व विधवा विवाह के समर्थन में अपने साहित्य में जो लिखा वह आज भी समसमायिक है।

आगे की प्लानिंग
साहित्य प्रेमी समीर गोस्वामी बताते हैं कि वह अभी कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद्र की सभी कहानियों का ेऑडियो बुक में बदलना चाहते हैं। इसके बाद वह देश के अन्य साहित्यकारों की कृतियों को भी ऑडियो बुक में बदलने का काम करेंगे।
आकाशवाणी में भी आते हैं समीर गोस्वामी के प्रोग्राम
समीर गोस्वामी आकाशवाणी के लंबे समय से आकस्मिक उद्घोषक हैं।आकाशवाणी में शाम पांच बजे युववाणी में प्रति माह पहले शनिवार को प्रसारित होने वाला उनका फिल्मी हस्तियों पर आधारित कार्यक्रम फिल्मी चक्र भी काफी पसंद किया जाता है।