
फाइल फोटो स्मार्ट क्लास
सरकारी स्कूलों में बच्चों को डिजिटल शिक्षा देने के लिए नीति आयोग से मिले 2.6 करोड़ रुपए के बजट का इस्तेमाल तो हुआ, लेकिन उसका असर जमीन पर दिखाई नहीं दे रहा। छतरपुर जिले के 106 स्कूलों में स्मार्ट क्लास के लिए लगाए गए उपकरण अब या तो खराब हो चुके हैं या फिर सिग्नल-बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में धूल खा रहे हैं।
स्मार्ट क्लास के जरिए जिले के 63 हजार छात्रों को इंटरैक्टिव और गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने का सपना दिखाया गया था। इसके लिए कक्षों में प्रोजेक्टर, टच स्क्रीन, मिनी कंप्यूटर, यूपीएस और विज़ुअलाइजर जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं थीं। लेकिन अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क, बिजली और प्रशिक्षित स्टाफ की कमी से क्लासें कभी सही से चल ही नहीं सकीं।
गुजरात की ई-लिम्स कंपनी द्वारा आपूर्ति किए गए उपकरणों में से आधे से अधिक ने महज दो साल में ही काम करना बंद कर दिया। कहीं सर्वर फेल है, कहीं स्मार्ट बोर्ड बंद पड़ा है, तो कहीं प्रोजेक्टर ही नहीं चल रहा।
ब्लॉक स्कूलों की संख्या
छतरपुर 20
नौगांव 20
बड़ामलहरा 16
बिजावर 10
राजनगर 13
लवकुशनगर 12
गौरिहार 09
बकस्वाहा 06
कुल 106
जिला शिक्षा अधिकारी आरपी प्रजापति का कहना है, स्मार्ट क्लास का पूरा रिकॉर्ड रमसा कार्यालय में है। सूची मंगवाकर जिन स्कूलों में खराबी पाई जाएगी, वहां सुधार कराया जाएगा।
Published on:
05 May 2025 10:40 am
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