बकस्वाहा विकासखंड क्षेत्र के ग्राम बीरमपुरा, तिलई, मंझोरा, कसेडा, निमानी, जिझारपुरा, सलैया, खैजरा, कर्री, कछार, हिरदेपुर, कुई किसनपुरा, पौडी, बम्होंरी, खिरिया खुर्द, घोंगरा, गुगवारा, निवार, सैडारा में पानी की विकराल समस्या है। यहां पर लोगों को गांव के अंदर पानी नहीं मिल रहा है। लोगों को गांव के बाहर दूर-दूर तक कुओं से पानी लाना पड़ रहा है। वहीं बकस्वाहा से करीब ६-७ किलामीटर दूरी पर स्थित ग्राम तेरियामार और सहपुरा में भीषण समस्या बनी हुई है यहां पर न तो स्थानीय प्रयासन द्वारा पानी के लिए व्यवस्था की जा रही है और न ही कोई योजना इस गांवों में आई है।
बडामलहरा विकासखंड क्षेत्र के ग्राम सरकना, भगुईयनखेरा, बन्न, झिरिया झोर और बंधाचंदौली, बिजरिया, पछरावनी, सड़वा ग्राम पंचायतों में पानी के लिए रहवासियों को कई किलोमीटर दूर तक जाना पड़ रहा है। इसमें से कई गांव ऐसे हें जहां पर गांव के अंदर जलश्रोतों में एक बंूद पानी नहीं है। ऐसे में लोगों के सामने भारी समस्या खडी है। वहीं बंधाचंदौली, बिखरिया, पछरावनी, सड़वा ग्राम पंचायतों में शासन द्वारा नलजल योजना के तहत टंकी और पाइप लाइन बिछा दी है। लेकिन उसमें अभी पानी नहीं आया।
बिजावर विकासखंड क्षेत्र के बिलगांय, गुलाट, खुवा, नागोरी, किशनगढ़ क्षेत्र के पटौरी, बिला, राईपुरा आदि गांवों में इन दिनों भीषण जलसंकट छाया है। यहां पर लोगों को पानी के लिए सुबह से लेकर रात तक पीने और उपयोग के लिए पानी का इंतजाम करने में बीत जाता है। वहीं किशनगढ क्षरा के गांव के आस-पास जंगल और पहाडी क्षेत्र होने के चलते यह परेशानी और बढ़ जाती है।
इसके अलावा हरपालपुर के भदर्रा, परेथा, मडोरी, सरसेड़, गुडो, काकुनपुरा, भडय़ापुरा, रगौली सहित यूपी-एमपी सीमा से लगे गांवों में पानी की समस्या सालों से चली आ रही है। वहीं इसे अलावा जिले के सरवई, गौरिहार क्षेत्र के विभिन्न गांवों में पानी को लेकर रहवासियों को गांव के बाहर से व्यवस्था करनी पड़ रही है।
इन गांव के लोगों ने बताया कि गांव में पानी की होने से वह काफी परेशान हैं। अधिकारियों से पानी की मांग की गई, लेकिन कोई सुनाई नहीं हो रही है। ऐसे में उन्हें पानी के लिए सुबह ४ बजे से गांवों के बाहर पानी की तलास में निकलते और दोपहर तक जरूरत के पानी का इंजजाम करते हैं।