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सावन के पहले सोमवार को शिवभक्ति में सराबोर हुए भक्त, जटाशंकर से मतंगेश्वर तक उमड़ा आस्था का सैलाब

अलसुबह से ही हजारों श्रद्धालु भगवान शिव के मंदिरों की ओर बढ़ चले और पूरे दिन आस्था का प्रवाह थमने का नाम नहीं लिया। मंदिरों के बाहर लंबी कतारें, हर-हर महादेव और बोल बम के गगनभेदी जयकारों से गूंजती सडक़ों, गलियों और शिवालयों में शिवभक्ति की अद्भुत छटा दिखाई दी।

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खजुराहो

श्रावण (सावन) मास के पहले सोमवार ने पूरे जिले को शिवमय बना दिया। अलसुबह से ही हजारों श्रद्धालु भगवान शिव के मंदिरों की ओर बढ़ चले और पूरे दिन आस्था का प्रवाह थमने का नाम नहीं लिया। मंदिरों के बाहर लंबी कतारें, हर-हर महादेव और बोल बम के गगनभेदी जयकारों से गूंजती सडक़ों, गलियों और शिवालयों में शिवभक्ति की अद्भुत छटा दिखाई दी।

जटाशंकर धाम बना श्रद्धा का केंद्र

विंध्य पर्वतमाला की गोद में बसे प्राचीन तीर्थ जटाशंकर धाम में सावन के पहले सोमवार को श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। मंदिर ट्रस्ट के अरविंद अग्रवाल ने बताया कि रविवार रात से ही भक्तों का पहुंचना शुरू हो गया था और सोमवार सुबह तक संख्या 60 हजार पहुंच गई। गुलगंज, महाराजगंज, किशनगढ़, बड़ामलहरा, नौगांव, लवकुशनगर, बिजावर जैसे दूर-दराज अंचलों से श्रद्धालु पैदल, दंडवत यात्रा और वाहनों के जरिए पहुंचे। मंदिर के कपाट सुबह 3 बजे खुलते ही श्रद्धालुओं ने शिवकुंडों में स्नान कर जलाभिषेक और रुद्राभिषेक का क्रम शुरू कर दिया। भक्तों ने बेलपत्र, पुष्प, धतूरा, फल, रोली और इत्र से भगवान शिव की आराधना की। सुबह की मंगला आरती में ही 20 हजार से अधिक भक्त शामिल हुए।

मतंगेश्वर महादेव मंदिर में शिवभक्तों का तांता

खजुराहो का विश्व प्रसिद्ध मतंगेश्वर महादेव मंदिर भी श्रद्धालुओं से अटा रहा। आसपास के इलाके से भक्त पहुंचते रहे। श्रद्धालुओं ने शिवसागर सरोवर में स्नान कर मतंगेश्वर महादेव को जल चढ़ाया। मंदिर परिसर में दिनभर भगवान मतंगेश्वर की जय के उद्घोष गूंजते रहे। दोपहर तक करीब 20 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन और जलाभिषेक किया। सुबह से ही ग्रामीण क्षेत्र से महिलाएं लमटेरा गाते हुए मंदिर पहुंचीं। लमटेरा का अर्थ है लम्बी टेर के गीत,यानी कि दूर किसी को आवाज़ देते हुए गाना। इसके बोल ऐसे होते हैं महादेव बाबा ऐसे जो मिले रे, ऐसे जो मिले रे जैसे मिल गए महतारी और बाप महादेव बाबा।

दंडवत यात्रा और रात्रि जागरण

लगभग 100 श्रद्धालु दंडवत यात्रा करते हुए जटाशंकर पहुंचे। श्रद्धालु पूरे शरीर को भूमि से लगाकर हर हर महादेव कहते हुए मंदिर तक पहुंचे। वहीं रविवार रात से ही मंदिर परिसर के आसपास भजन-कीर्तन, जागरण और शिव तांडव स्तोत्र की महफिलें सजी रहीं। श्रद्धालु अस्थायी शिविरों में ठहरे और भक्ति रस में लीन होकर रात बिताई।

प्रशासन की चाक-चौबंद व्यवस्था

जिला प्रशासन और पुलिस विभाग ने इस विशाल आयोजन के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए। प्रमुख शिवालयों में पुलिस बल, होमगार्ड, वालंटियर्स, नगर पालिका की सफाई टीम, चिकित्सा स्टाफ और ट्रैफिक पुलिस की तैनाती की गई। भीड़ नियंत्रण के लिए सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन, बैरिकेडिंग और एम्बुलेंस की व्यवस्था रही।

जिलेभर के शिवालयों में शिवभक्ति का सागर

जिले के हर कोने में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। संकटमोचन मंदिर छतरपुर, सरसेड़ मंदिर, देवगांव, भगवां, चंदला, गौरिहार, बड़ामलहरा, लवकुशनगर और नौगांव सहित तमाम छोटे-बड़े मंदिरों में श्रद्धालुओं ने जल चढ़ाकर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना की। भक्तों ने जलाभिषेक, रुद्राभिषेक, शिव चालीसा और महामृत्युंजय जाप के जरिए अपने जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की कामना की।