
Chhatarpur, Madhya Pradesh, India
छतरपुर/ड़ामलहरा. जनपद पंचायत क्षेत्र के सतपरा गांव से आई एक गर्भवती महिला को प्रसव के 12 घंटे के अंदर अस्पताल से छुट्टी देने के बाद उसकी हालत बिगड़ गई। परिजनों द्वारा उसे इलाज के लिए सीएचसी फिर से लाया गया। जहां हालत में सुधार न होने पर उसे जिला अस्पताल रेफर दिया। जिला अस्पताल में बेहतर इलाज न होने पर परिजन उसे वापस बड़ामलहरा सीएचसी ले गए। जहां उसने शुक्रवार की सुबह उसने दम तोड़ दिया। परिजनों का आरोप है कि महिला की मौत इलाज में लापरवाही से हुई है।
क्षेत्र के ग्राम सतपारा में रहने वाले बिंदा कुशवाहा ने बताया कि उसकी 25 वर्षीय पत्नी आरती गर्भवती थी। प्रसव के लिए उसे बीते सोमवार को सुबह 4 बजे के लगभग बड़ामलहरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया था। ढाई घंटे बाद 6 .30 बजे उसने एक बच्चे को जन्म दिया। प्रसव के 12 घंटे गुजरने के पहले ही आरती को शाम 5 बजे अस्पताल प्रबंधन ने छुट्टी दे दी। परिजनों का आरोप है कि नर्सों ने नियमों को दरकिनार कर 12 घंटे से पहले ही छुट्टी कर दी। घर जाने के बाद प्रसूता की हालत बिगड़ गई। जबकि छुट्टी होने से पूर्व वह काफी कमजोरी महसूस कर रही थी।
हालत ज्यादा खराब होने पर गुरुवार की सुबह 9.30 बजे उसे फिर से अस्पताल लाया गया। डॉक्टर ने प्राथमिक इलाज के बाद हालत गंभीर होने पर जिला चिकित्सालय भेजा। पूरे दिन जिला अस्पताल में रहने के बाद भी उसे इलाज नहीं मिला। परेशान परिजन शुक्रवार की सुबह 9.30 बजे वापस बड़ामलहरा अस्पताल ले आये। जहां उसने दम तोड़ दिया।
वहीं अस्पताल में पदस्थ नर्स प्रीति दुबे का कहना है कि प्रसव के बाद महिला पूरी तरह स्वस्थ्य थी। उसने 3 किलो वजन के स्वास्थ्य बालक को जन्म दिया था। छुट्टी से पूर्व महिला की जांच में उसके शरीर के अंदर 9.06 ग्राम खून था।
&नियमानुसार 48 घंटे बाद प्रसूताओं को अस्पताल से छुट्टी दी जाती है लेकिन प्रसूताओं के परिजन प्रसव के कुछ देर बाद ही छुट्टी लेकर चले जाते हैं। महिला की मौत के कोई और कारण होंगे।
डॉ. अशोक तिवारी, सीएमएचओ छतरपुर
Published on:
16 Sept 2017 11:57 am
बड़ी खबरें
View Allछतरपुर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
