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पीडीएस राशन: 24 हजार अपात्रों के नाम सूची से हटाए गए, डेढ़ लाख से अधिक की ई-केवाईसी अभी भी नहीं हुई

खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा की जा रही आधार लिंक्ड ई-केवाईसी से 24 हजार से अधिक ऐसे नामों की पहचान हुई है जो अपात्र निकले। इन्हें सूची से हटा दिया गया है। वहीं, अब भी एक लाख 56 हजार उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी लंबित है

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जिला आपूर्ति अधिकारी कार्यालय

जिले में राशन वितरण व्यवस्था की पारदर्शिता के लिए की जा रही ई-केवाईसी प्रक्रिया के तहत एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा की जा रही आधार लिंक्ड ई-केवाईसी से 24 हजार से अधिक ऐसे नामों की पहचान हुई है जो अपात्र निकले। इन्हें सूची से हटा दिया गया है। वहीं, अब भी एक लाख 56 हजार उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी लंबित है, जिससे पीडीएस प्रणाली की पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।

फर्जी कार्डधारियों का हुआ खुलासा

जिले में लंबे समय से राशन वितरण प्रणाली में गड़बडिय़ों की शिकायतें सामने आ रही थीं, लेकिन अब जब सरकार ने सभी उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी अनिवार्य की, तब जाकर अपात्र लाभार्थियों की पहचान संभव हो सकी। जिला आपूर्ति अधिकारी सीताराम कोठारे ने बताया कि 24 हजार से अधिक ऐसे नाम सूची से हटाए गए हैं, जो अपात्र थे या जो फर्जी तरीके से राशन का लाभ ले रहे थे।

12 राज्यों में ले रहे छतरपुर के उपभोक्ता राशन

एक और चौंकाने वाला पहलू यह भी है कि जिले के लगभग 5 हजार परिवार ऐसे हैं, जो मध्य प्रदेश में रहकर देश के 12 अन्य राज्यों जैसे दिल्ली, गोवा, हरियाणा, पंजाब, दमन-दीव आदि में वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के अंतर्गत राशन ले रहे हैं। इससे जिले में उनकी ई-केवाईसी नहीं हो पा रही और अब उनका राशन अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।

राशन वितरण में पारदर्शिता की नई पहल

पीडीएस को पारदर्शी और कारगर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने राशन कार्डधारकों के लिए आधार आधारित ई-केवाईसी अनिवार्य कर दी है। इसका उद्देश्य यह है कि केवल वास्तविक और पात्र लाभार्थी ही सरकारी अनाज की सब्सिडी का लाभ ले सकें। अब जिन उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी पूरी नहीं हुई है, उनका राशन वितरण फिलहाल रोक दिया गया है और कार्ड अस्थायी रूप से निलंबित किए जा सकते हैं।

राजनगर और छतरपुर टॉप पर, सटई और हरपालपुर में कम

जिले में सबसे अधिक राशन कार्डधारक छतरपुर और राजनगर ब्लॉक में पंजीकृत हैं। इसके बाद बड़ामलहरा, गौरिहार और बिजावर में उपभोक्ताओं की संख्या ज्यादा है। लवकुशनगर इस सूची में पांचवें नंबर पर है, जबकि सबसे कम राशन कार्डधारी सटई और हरपालपुर ब्लॉक में हैं। जिलेभर में राशन दुकानों पर ई-केवाईसी कैंप लगाए जा रहे हैं, ताकि बाहर रहने वाले उपभोक्ताओं को सुविधा मिल सके।

ई-केवाईसी नहीं तो बंद हो जाएगा अनाज

जिलेभर में जागरूकता अभियान चलाकर उपभोक्ताओं से ई-केवाईसी कराने की अपील की जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते उपभोक्ता अपनी ई-केवाईसी नहीं कराते हैं तो उनके राशन कार्ड को अस्थायी रूप से निलंबित किया जा सकता है और वे सरकारी अनाज से वंचित हो सकते हैं।

सीताराम कोठारे, जिला आपूर्ति अधिकारी