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कोरोना के डर से एसी-कूलर चलाने से परहेज कर रहे लोग

कोरोना के डर से एसी-कूलर चलाने से परहेज कर रहे लोग

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छतरपुर. दिन का तापमान 41 डिग्री को पार कर रहा है, जिससे बेचैनी बढ़ गई है। कोरोना का वायरस कही ठंड में पनप न जाए, इसी डर से लोग एसी चलाने से भी बच रहे हैं। घरों में केवल पंखों से ही काम चलाया जा रहा है। वहीं दिन में बादल छा जाने से खेतों में फसल की कटाई और उसे समेटने में लगे किसान सहमे हुए हैं। पूरे अंचल में अब बढ़ते हुए तापमान के कारण गर्म हवाओं ने भी दस्तक देना शुरू कर दिया है। हालांकि इन दिनों लॉकडाउन के कारण लोग धूप व गर्मी में न निकलकर घरों में ही कैद हैं, लेकिन घरों में भी सुबह 11 बजे के बाद से बढ़ती गर्मी सता रही है। दिन में तपन के बाद रात करीब 9 बजे से शीतलता का एहसास लोगों को सुकून दे रहा है। दरअसल इस बार अभी तक भले ही अधिकतम तापमान बढ़ गया हो पर न्यूनतम तापमान में उतना इजाफा नहीं हुआ है कि सुबह-शाम भी बेचैन करने वाली गर्मी सताने लगे। दिन के समय आसमान पर घिरने वाले बादलों को देखकर किसानों की चिंता बढ़ रही है। दरअसल अभी कई खेतों में कटाई हो रही है, जहां कटाई हो चुकी है, वहां थ्रेसिंग जारी है और अनाज खलिहानों में ही पड़ा है। तेजी से कटाई और थ्रेसिंग के बाद अनाज समेटने में जुटे किसानों को डर है कि कही पानी न बरस जाए वर्ना उनकी सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा।
सीलिंग फैन से चल रहा काम
हर बार मार्च माह से ही घरों में एसी चलना शुरू हो जाते हैं। इस बार आधा अप्रैल बीतने के बावजूद लोग गर्मी को दूर करने के लिए एसी से दूरी बनाए हैं। यहां तक कि अधिकांश घरों में अभी तक कूलर भी शुरू नहीं हुए हैं। लोगों का मानना है कि कोरोना का वायरस ठंडक में तेजी से असर दिखाता है, जबकि गर्मी में ज्यादा असरदार नहीं होता है। इसी कारण लोग घरों में एसी व कूलर चलाने से बच रहे हैं। सीलिंग फैन से ही गर्मी दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। यहां तक कि फ्रिज के चिल्ड पानी को पीने के बजाय लोग मटकों का पानी पीना ही बेहतर समझ रहे हैं। गले में जरा सी खराश लगते ही लोग गुनगुना पानी पीकर खुद को फिट रखने की जुगत में लगे हैं।