साइबर ठगी से बचने के उपाय
पत्रिका के संवाददाता ने बताया कि वर्तमान में अधिकांश साइबर ठगी फोन कॉल, ईमेल या मैसेज के माध्यम से की जा रही है। ठग कई बार बैंकों या सरकारी विभागों के नाम पर फर्जी कॉल करते हैं और लोगों से उनका व्यक्तिगत जानकारी, बैंक अकाउंट नंबर, पासवर्ड आदि मांगते हैं। कई मामलों में तो धोखाधड़ी करने वाले व्यक्ति अपने आप को पुलिस अधिकारी, बैंक अधिकारी या अन्य उच्चाधिकारी बताते हैं। ऐसे में लोगों को यह समझने की आवश्यकता है कि कोई भी बैंक या सरकारी अधिकारी कभी भी फोन पर व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांगते।
महत्वपूर्ण सुझाव दिए
- कभी भी फोन पर अपने बैंक खाते की जानकारी न दें।
- किसी भी संदिग्ध कॉल, मैसेज या लिंक को न खोलें और उसे तुरंत ब्लॉक करें।
- इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग करते समय अपने पासवर्ड और पिन को गोपनीय रखें।
- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचें।
- साइबर पुलिस द्वारा जारी की गई चेतावनियों का पालन करें।
- अगर किसी भी प्रकार की ठगी का सामना हो तो तुरंत साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज करें।
अभियान का सकारात्मक हो रहा असर
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित लोगों ने अपने अनुभव साझा किए और यह माना कि इस तरह की जानकारी से उन्हें साइबर ठगी से बचने में मदद मिलेगी। कार्यक्रम में लोगों ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया और साइबर सुरक्षा से संबंधित सवाल भी पूछे। कई महिलाओं ने यह भी बताया कि उन्हें अब तक साइबर अपराधों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, लेकिन इस अभियान के बाद वे अब सुरक्षित महसूस कर रही हैं।
साइबर सुरक्षा का महत्व
अभियान के दौरान यह भी बताया गया कि साइबर सुरक्षा सिर्फ व्यक्तिगत नुकसान से बचाव नहीं करती, बल्कि यह समाज में डिजिटल अपराधों को भी नियंत्रित करने में मदद करती है। जिला पुलिस विभाग के अधिकारी ने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया और कहा कि साइबर अपराधों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इस तरह के कार्यक्रमों से लोगों को जागरूक करना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि वे धोखाधड़ी से बच सकें।
गांव में हो रहा जागरुकता अभियान का विस्तार
पत्रिका की टीम ने इस अभियान को और भी विस्तृत करने की योजना बनाई है। अब यह अभियान पूरे जिले में आयोजित किया जा रहा है, खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में अभियान की सक्रियता बढ़ाई गई है। ताकि अधिक से अधिक लोगों को साइबर ठगी से बचने के उपायों के बारे में बताया जा सके। इसके अलावा, स्थानीय स्कूलों और कॉलेजों में भी इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे, ताकि आने वाली पीढ़ी को पहले से ही साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा सके। राजेश नरवरिया , अंशुल पटेल, रामकृपाल अहिरवार, राजेंद्र अहिरवार, कमलेश साहू ने अभियान की सराहना करते हुए अन्य लोगों को भी जागरुक करने की बात कही।