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छतरपुर

२५ साल बाद भी पूरा नहीं हो सका वादा, शहर से नहीं जुड़ सका वार्ड ३८

दो तीन किलोमीटर का चक्कर लगाकर स्वास्थ्य और प्रशासनिक सेवा ले रहे लोग, वार्ड क्रमांक 38 से आकाशवाणी तक बनना था रोड कई बाद हो चुका है भूमि पूजन

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छतरपुर. चुनावों के दौरान रोड नहीं तो वोट नहीं, नारा के साथ पहाड़ी काटकर रास्ता की मांग और प्रदर्शन करने वाले लोगों २५ वर्ष बाद भी राहत नहीं मिली है। हनुमान टौरिया के पीछे रहने वाले लोगों को अभी भी दो-तीन किलो मीटर का चक्कर लगाकर शहर के बीच में आना पड़ रहा है। इसको लेकर जनप्रतिनिधियों ने चार बार भूमि पूजन भी कर दिया गया। अब फिर से यहां पर रास्ता बनाने की का मुद्दा उठने लगा है।
शहर के हनुमान टौरिया के पीछे स्थित वार्ड क्रमांक ३८ पहाड़ी के पीछे होने से शहर के जुड़ नहीं पा रहा है। यहां पर विकास कार्य कम हो रहे हैं इसके साथ ही लोगों को शासकीय, स्वास्थ्य आदि कार्यों के लिए दो तीन किलोमीटर का चक्कर लगाकर आना पड़ता है। यहां पर पहाड़ी को बीच से काटकर रास्ता बनाने की मांग वर्ष १९९८-९९ से उठी थी। इसके बाद समय निकालता गया और चुनावों के दौरान मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने एकत्र हुए और नेताओं व प्रशासन को आवेदन ज्ञापन दिए लेकिन चुनाव के दौरान जल्द की रास्ता बनवाने का आश्वासन मिलता रहा है। इसके बाद वर्ष २०१८ में यहां पर नगर पालिका की ओर से वार्ड के लोगों की मांग पर जेसीबी से खुदाई कराइ्र गई। लेकिन इसी दौरान उस स्थान पर पावर हाउस बना दिया गया। जिसके बाद पावर हाउस के किनारे से रास्ता बनवाने का बादा चुनाव के दौरान किया गया। बाद में लोगों को शांत होते ही मामला ठंडे बस्ते में चला गया। लेकिन अब फिर से यह मामला उठने लगा है और लोग इस बाद किसी भी उम्मीदवार को वोट नहीं देने की बात कर रहे हैं।
वार्ड ३८ के रहने वाले सर्वेश खरे, कुंदन विश्वकर्मा, मोहन कुशवाहा, मनीष खरे, कौशन शर्मा आदि ने बताया कि इस वार्ड में करीब ८-१० मोहल्ले हैं, जहां के लोग इस पहाड़ पर से चढ़कर बाजार और अपनी जरूरतों का सामान लेने जाते हैं या फिर दूसरा रास्ता है जो लगभग दो-तीन किमी का है, जहां से होकर जाना पड़ रहा है। फिर चाहे वह इलाज का हो या शिक्षा का। यहां के बच्चों को पढ़ाई करने के लिए या तो तीन किमी का चक्कर काटकर स्कूल कॉलेज जाना पड़ रहा है या फिर पहाड़ी पर चढ़कर स्कूल कॉलेज जाना पड़ता है।

कई बाद हो चुका है भूमि पूजन
इस सड़क को बनाने के लिए पिछले चुनाव के पहले होड़ सी लगी थी। इसके लिए जहां पहले पालिका अध्यक्ष ने दो बार भूमि पूजन किया था। तो पूर्व मंत्री ने भी लोगों के वोट के लिए भूमि पूजन किया गया था। इसके बाद फिर पावर हाउस के लिए उसी स्थान पर भूमि पूजन किया गया। जिसके कुछ दिनों बाद लोगों पावर हाउस बनने की जानकारी हो सकी थी।

कम ही मिलते हैं ऑटो
लंबा रास्ता होने के कारण यहां पर ऑटो वाले भी आना पसंद नहीं करते है या फिर मनमाना किराया लेते हैं। जिस कारण लोगों को दिन हो या रात इसी पहाड़ पर चढ़कर जाना पड़ता है। ऐसा नहीं है इस बात से शासन प्रशासन अंजान है। इसी रास्ते के मुद्दे को लेकर कई जनप्रतिनिधियों ने अपनी चुनावी नैय्या को पार लगाया है, लेकिन जब से रास्ता बनने के स्थान पर विद्युत सब स्टेशन बनने लगी है तब से यहां के लोग अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर यहां के लोग कई बार जनप्रतिनिधियों के पास गए। लेकिन इसका कोई हल नहीं निकल सका।

विधायक से फिर उठाई मांग
वार्ड के रहने वाले लोगों ने बताया कि बीते दिनों सदर विधायक आलोक चतुर्वेदी वार्ड क्रमांक-३८ में पहुंचे थे। जहां पर स्थानीय लोगों ने चुनाव के दौरान किए वादे को पूरा करने की मांग की गई। साथ ही अपनी समस्यासे अवगत कराया। लोगों को कहना है कि इस दौरान विधायक ने पावर हाउस व एमआईजी के बीच से रास्ता निकालने के लिए प्रयास किया जा रहा है।

बोले विधायक
वार्ड ३८ के रहने वाले लोगों से पहाड़ी को काटकर सड़क बनाने को लेकर किसी प्रकार की चर्चा नहीं हुई है। न ही इसकी मांग हमारे पास तक आई है।
आलोक चतुर्वेदी, विधायक, छतरपुर