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शार्प ब्रेन और बेस्ट मैमोरी पॉवर के कारण दिशा बन गई गूगल गर्ल

महज साढ़े तीन साल की उम्र में मनवाया प्रतिभा का लोहा

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Sharp Brain and Best Memory Powered Google Girl Disha

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छतरपुर। गूगल वॉय कौटिल्य पंडित की प्रतिभा से तो सभी परचित है, लेकिन उनके ही समकक्ष अब बुंदेलखंड में एक गूगल गर्ल तैयार हो गई है। किसी भी तरह के सवाल का हाजिर जवाबी के साथ उत्तर देकर लोगों को दंातों तले अंगुलियां दबाने के लिए मजबूर कर देने वाली साढ़े तीन साल उम्र की दिशा नायक की जनरल नॉलेज और आई क्यू सामान्य लोगों की तुलना में कई गुना ज्यादा है। छोटी सी उम्र में बड़े-बड़े मंचों और टीवी चैनलों में अपनी प्रतिभा के बल पर छा जाने वाली दिशा नायक बुंदेलखंड के लिए छोटी उम्र की बड़ी सेलीब्रिटी बन गई है। साधारण परिवार में जन्मी दिशा नायक आज अपने टेलेंट से समूचे बुंदेलखंड में चर्चा का विषय बनी हुई है। दिशा नायक छोटे बड़े कई मंचों पर अपनी प्रतिभा ओ का प्रदर्शन कर चुकी है। दिशा नायक को छतरपुर में गूगल गर्ल के नाम से जानते है लेकिन उसका हुनर और रुचि डांस एक्टिंग में भी है। दिशा का डांस देखकर भी लोग हैरान रह जाते हैं।

इसलिए कहते है गूगल गर्ल
दिशा नायक की उम्र महज साढ़े तीन साल है। शहर के तमराई मोहल्ला में रहने वाले जुगाड़ी लाल नायक की नातिन और दिलीप नायक की बेटी दिशा के इस हुनर को लेकर लोग हैरान है। उसकी मां निशा बताती हैं कि दिशा बचपन से ही चुलबुली थी। जब उसने बोलना शुरू किया तो उसके सवाल और जवाब सुनकर हैरान रहती थी। एक दिन हम लोग टीवी देख रहे थे। उस समय दिशा की उम्र ढाई साल की थी। दिशा भी टीवी देख रही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाषण दे रहे थे उसने नरेंद्र मोदी को देखा और बोली मम्मी ये तो नरेंद्र मोदी है, देश के प्रधानमंत्री। तो मैं चौंक गई कि इसको कैसे पता कि ये प्रधानमंत्री है। इसके बाद उससे मप्र के मुख्यमंत्री का नाम पूछा तो उसने पलक झपकते ही शिवराज सिंह चौहान बताया। हम लोग यह सुनकर हैरान थे। इसे बाद उसका आई क्यू लेवल देखा तो समझ में आ गया कि यह इसे गॉड गिफ्ट मिला है। निशा बताती हैं कि ऐसे सैकड़ों कठिन से कठिन सवाल है कि जिनके उत्तर दिशा पलक झपकते ही दे देती है। इसलिए इसका नाम गूगल गर्ल पड़ गया। पिछले साल दिशा नायक का मुकाबला झांसी में गूगल वॉय कौटिल्य पंडित से हुआ था। जिसमे दिशा को पलक झपकते ही उत्तर देते देख झांसी कलेक्टर और मंत्री ने सम्मानित किया था। इसके अलावा भी दिशा को खजुराहो फिल्म फेस्टिबल सहित बड़े मंचों से सम्मानित किया जा चुका है। दिशा की इस प्रतिभा को सबके सामने लाने वाले डॉ. राधेश्याम सोनी बताते हैं कि दिशा नायक को ईश्वरीय वरदान प्राप्त है। क्येांकि इतनी सी उम्र में उसके अंदर इस प्रतिभा का पैदा होना किसी भी रूप में संभव नहीं है।
ऐसे मिला मंच :
दिशा के हुनर को देख दिशा के पिता दिलीप नायक बहुत हैरान थे। वह दिशा का टेलेंट दुनिया के सामने दिखाना चाहते थे लेकिन उचित मंच ओर उचित सहयोग नहीं मिलने के कारण दिशा का टेलेंट छिपा हुआ था। दिशा के पिता दिलीप ने बताया कि मुझे पता चला कि स्थानीय आडिटोरियम में एक सद्भावना रंग महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें बच्चों की प्रतिभाओं का भी मंचन किया जा रहा है। इस पर उन्होंने कार्यक्रम संयोजक डॉ. राधेश्याम सोनी से आग्रह कर दिशा का एक प्रोग्राम कराने का अनुरोध किया। वे सहमत हो गए। जैसे ही दिशा ने लोगों द्वारा पूछे गए कठिन से कठिन प्रश्नों के जबाब देना शुरू किया तो लोग हैरान थे।

स्कूल में भी मिला फ्री एडमिशन :
छतरपुर समाजसेवीअजय लाल ने जब दिशा के हुनर को देखा को वह दंग रह गए और दिशा को अपने विद्यालय बचपन प्ले स्कूल में निशुल्क एडमिशन दे दिया। इसके बाद उन्होंने यह भी ऑफर किया कि जब तक दिशा उनके स्कूल में पड़ेगी, उससे कोई फीस नहीं ली जाएगी। उसकी पढ़ाई का पूरा खर्चा स्कूल प्रबंधन उठाएगा।