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मानसून की पहली बारिश ने खोली नपा की पोल: हाईवे से अस्पताल तक बिछी गंदगी और कीचड़

शहर की मुख्य सड़कों से लेकर सरकारी अस्पताल, स्कूल और गलियों तक हर जगह जलभराव, कीचड़ और गंदे पानी ने आमजन का जीना मुहाल कर दिया है। भारी बारिश के बाद सड़कें तालाब में तब्दील हो गई हैं, जिससे जनजीवन बाधित हो गया है।

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garbage on street

सडक़ पर आई नाली की गंदगी

छतरपुर/नौगांव. मानसून की पहली बारिश ने नगर पालिका के दावों की पोल खोल दी है। लंबे इंतज़ामों और तैयारियों के दावे जमीन पर टिक नहीं सके। शहर की मुख्य सड़कों से लेकर सरकारी अस्पताल, स्कूल और गलियों तक हर जगह जलभराव, कीचड़ और गंदे पानी ने आमजन का जीना मुहाल कर दिया है। भारी बारिश के बाद सड़कें तालाब में तब्दील हो गई हैं, जिससे जनजीवन बाधित हो गया है।

जलजमाव हर साल होता है

नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि वर्षों से इस समस्या को अनदेखा करते आ रहे हैं। बारिश के मौसम में नालियों की सफाई न होने के कारण जलजमाव हर साल होता है, लेकिन इस ओर कोई सार्थक कदम नहीं उठाया जाता। लोगों का कहना है कि चुनाव के दौरान नेताओं द्वारा विकास के बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन मतदान के बाद ये दावे हवा हो जाते हैं। नालियों और नालों की सफाई न होने से न केवल सड़कें खराब होती हैं, बल्कि आम जनता को स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है।

गंदगी की वजह से शर्मसार होते

शहर के प्रमुख चौराहे जैसे कोठी चौराहा, डाकखाना चौराहा, रंगरेज मोहल्ला चौराहा सहित चौक चौराहे हर वर्ष बारिश के मौसम में जलभराव और गंदगी की वजह से शर्मसार होते हैं। करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद भी इन जगहों पर साफ-सफाई का इंतज़ाम प्रभावी रूप से नहीं हो पा रहा है। हर बार इन इलाकों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होती हैं, लेकिन नगर पालिका की ओर से कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है।सबसे ज्यादा समस्या सिविल अस्पताल परिसर में नजर आती है। अस्पताल के मुख्य प्रवेश द्वार पर जलभराव से मरीजों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। गंदे पानी से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, जिससे बुजुर्ग और महिलाएं फिसलने का शिकार होती हैं। मरीजों ने शिकायत की है कि इलाज के लिए आने वालों को यहां संक्रमण का खतरा झेलना पड़ता है। बारिश के दौरान यह अस्पताल संक्रमण का गढ़ बन जाता है।

कचरे के ढेरों से बदबू फैलती है

शहर के स्कूल भी इससे अछूते नहीं हैं। हाई सेकेंडरी स्कूल और प्राइमरी स्कूल के परिसर में जलभराव और गंदे पानी की समस्या बनी रहती है। बच्चों को कीचड़ भरे रास्तों से गुजर कर स्कूल जाना पड़ता है, जिससे उनकी सेहत और पढ़ाई दोनों प्रभावित होती हैं।शहर के वार्डों की गलियों में हालत और भी खराब है। नगर पालिका द्वारा नालियों की सफाई न होने के कारण कचरे के ढेरों से बदबू फैलती है और मच्छरों की संख्या बढ़ती है। जलभराव के चलते कई घरों और दुकानों में पानी घुस गया है। डाकखाना चौराहा की एक कपड़े की दुकान में नालियों का गंदा पानी घुसने से हजारों रुपए के कपड़े खराब हो गए हैं, जिससे दुकानदारों को भारी नुकसान हुआ है।