शहर के अंदर प्रतिदिन आधा दर्जन से अधिक हो रही कुत्ते की काटने की घटनाएं, जिला अस्पताल में एंटी रेबीज इंजेक्शन का टोटा
छतरपुर. नपा उदासिनता के चलते साल दर साल आवारा कुत्तों की संख्या बड़ती जा रही है और यहां रहवासियों और राहगीरों के के लिए मुशीबत बन रहे हैं। लेकिन इसको लेकर न तो नगर पालिका द्वारा कोई कदम उठाए जा रहे हैं और न ही जिला प्रशासन द्वारा संज्ञान में लिया जा रहा है। जिससे सर्दियों की सीजन में शहर में आधा दर्जन से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। नहीं इन मरीजों को एंटी रेबीज समय से नहीं मिल पा रही है।
शहर में आवारा कुत्ते संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है, जो रहवासियों के लिए एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। शहर टौरिया मोहल्ला, हटवारा, महोबा रोड, पन्ना रोडख् देरी रोड सहित सभी वार्डों में भारी संख्या में आवारा कुत्तों को बसेरा हैं। यहां ऐसा कोई मोहल्ला या फिर गली नहीं है जहां पर आवारा कुत्तों का झुंड न हो। यह दिन के साथ-साथ रात के समय कुत्ते ज्यादा हमलावर हो रहे हैं और झुंड बनाकर लोगों पर हमले कर रहे हैं। जिससे जिला अस्पताल में रोजाना आधा दर्जन कुत्ते के काटने के केस पहुंच रहे हैं। गर्मी के सीजन में मरीजों की संख्या प्रतिदिन और अधिक हो जाती है। शहर में आवारा कुत्तों की लगातार बढ़ती संख्या से शहरवासी परेशान हैं। शहर के कुछ क्षेत्रों में इनका इतना आतंक है कि लोग रात के समय गली मोहल्लों में बाहर निकलने में कतराते हैं। नगर पालिका द्वारा शहर में पिछले ५-6 साल से आवारा कुत्तों को पकडऩे की मुहिम नहीं चलाई गई है। आवारा कुत्तों की समस्या पर काबू पाने के लिए नगरपालिका के पास फिलहाल न कोई योजना है न रोकने के लिए मुहिम चलाई। रात के समय शहर के अधिकांश चौराहों, कॉलोनियों के चौराहों व गलियों में आवारा कुत्ते समूह बनाकर बैठे रहते हैं।
इस दौरान सड़क पर बाइक, साइकिल या पैदल निकलने वाले लोगों पर ये कभी भी हमला कर देते हैं। ऐसे में लोगों में डर बना रहता है। जिन क्षेत्रों में आवारा कुत्तों की संख्या ज्यादा है। वहां के रहवासी रात में बच्चों को भी अकेला नहीं खेलने देते। रात दस बजे के बाद आने वाले लोगों ने बताया कि कुत्ते झुंड में सड़क पर घूमते हैं। पैदल चलने वालों पर झुंड में हमला कर देते हैं। इससे लोगों को खतरा बना हुआ है। लोगों ने इसको लेकर नगरपालिका अफसरों से शिकायत भी की गई।
शहर में कुत्तों की संख्या 3 हजार से अधिक
शहर में आवारा कुत्तों की तेजी से संख्या बढ़ रही है, शहर के ४० वार्डों में कुत्तों की संख्या में बीते वर्ष से लगातार इजाफा हुआ है, जिसकी मुख्य वजह नपा द्वारा कुत्तों की संख्या पर नियंत्रण नहीं किया जाना बताया जा रहा है। नगरपालिका के पास शहर में आवारा कुत्तों का कोई आंकड़ा भी नहीं है। लोगों की मानें तो हरेक वार्ड में 100 या उससे अधिक कुत्ते आवारा फिर रहे हैं। इस औसत से करीब 3 हजार से अधिक तक आवारा कुत्ते होने का अनुमान हैं।
इनका कहना है
आवारा कुत्तों की समस्या काफी गंभीर है, इसको लेकर हम अधिकारियोंसे चर्चा करते हंैं और कार्य योजना तैयार कर लोगों को आवारा कुत्तों से निजात दिलाया जाएगा।
ज्योति चौरसिया, अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद छतरपुर