20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ईशानगर अस्पताल में एक्स-रे मशीन नहीं फिर भी रेडियोग्राफर की तैनाती

ईशानगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक्स-रे मशीन नहीं है, लेकिन पांच माह से रेडियोग्राफर पदस्थ है, जबकि जिला अस्पताल में प्रतिदिन 400 एक्स-रे होते हैं, वहां सिर्फ तीन रेडियोग्राफर काम कर रहे हैं।

2 min read
Google source verification
sonography

जिला अस्पताल में सोनोग्राफी के लिए उमड़ी मरीजों की भीड़

छतरपुर. ईशानगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक्स-रे मशीन नहीं है, लेकिन पांच माह से रेडियोग्राफर पदस्थ है, जबकि जिला अस्पताल में प्रतिदिन 400 एक्स-रे होते हैं, वहां सिर्फ तीन रेडियोग्राफर काम कर रहे हैं। चार सौ बेड वाले अस्पताल में एक्स- रे की एक पुरानी मशीन थी, लेकिन अब 6 आधुनिक मशीनों से एक्स-रे किए जा रहे हैं। जिला अस्पताल में लंबे इंतजार के बाद डिजिटल एक्स- रे मशीन की सुविधा शुरू हुई मशीन के चालू होने से एक दिन में डेढ़ सौ मरीजों तक की जांच आसानी से हो रही है। इनमें चार मशीन पुरानी होने से रिपोर्ट आने में आधा से एक घंटा लगता था, लेकिन अब नई मशीन से सिर्फ पांच मिनट में रिपोर्ट मिलने लगी है। हालांकि रेडियोग्राफर की कमी है।

जिला अस्पताल में पद खाली


यहां रेडियोग्राफर के चार पद स्वीकृत हैं, जिसमें से सिर्फ तीन रेडियोग्राफर पदस्थ हैं। एक पद खाली है। रेडियोग्राफर पुष्पेंद्र पटेल ने बताया कि पहले मरीज को डिजिटल एक्सरा के लिए बहुत परेशान होना पड़ता था, लेकिन डिजिटल मशीन का संचालन शुरू होने से एक्स-रे निशुल्क किए जाने लगे हैं। एक दिन में करीब 120 से 130 एक्सरे हो जाते हैं। फिल्म की भी बचत होने लगी है। मरीजों को एक बार में सही एक्सरा मरीज को मिल जाता है। रेडियोग्राफर की कमी के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

6 मशीन हो रही ऑपरेट


तीन रेडियोग्राफर के पास 6 मशीनें ऑपरेट करने का जिम्मा जिला अस्पताल में एक्स-रे मशीनों की संख्या तो बढक़र 6 कर दी है, लेकिन रेडियोग्राफर तीन ही हैं। उन्हें ही 6 मशीनें ऑपरेट करना पड़ रही हैं। इस कारण मरीजों को एक-साथ इस सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। हालात यह हैं कि एक दिन में 400 से अधिक एक्स-रे करना पड़ता है। यहां मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। छतरपुर के अलावा, पन्ना, टीकमगढ़, महोबा तक के मरीज एक्स-रे कराने आते हैं। ऐसी स्थिति में ईशानगर के रेडियोग्राफर को जिला अस्पताल स्थानांतरित करने की जरूरत है।

तैनाती को लेकर सवाल


ईसानगर में जब एक्स-रे मशीन नहीं है, तो रेडियोग्राफर की तैनाती करना सवालों के घेरे में है। करीब पांच माह पूर्व यहां रेडियोग्राफर अनुज सिंह परमार पदस्थ हैं। बीएमओ डॉ. गिरीश साहू का कहना है कि रेडियोग्राफर की नियुक्ति राज्य शासन ने की है। केंद्र में एक्स-रे मशीन लगने की प्रक्रिया लंबे समय से चल रही है। कुछ महीने पहले जयपुर से आई टीम ने निरीक्षण भी किया था।