इस मुद्दे को 14 जून को प्रमुखता से उठाए जाने के बाद प्रशासन ने तेजी से कार्रवाई की और चौकी को हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई। अब उम्मीद है कि नगर पालिका जल्द ही चौराहे के चौड़ीकरण और ट्रैफिक सिग्नल के कार्य को गति देगी।
शहर के सबसे व्यस्त छत्रसाल चौराहे के चौड़ीकरण में अड़चन बनी यातायात चौकी आखिरकार हटा दी गई है। पत्रिका द्वारा इस मुद्दे को 14 जून को प्रमुखता से उठाए जाने के बाद प्रशासन ने तेजी से कार्रवाई की और चौकी को हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई। अब उम्मीद है कि नगर पालिका जल्द ही चौराहे के चौड़ीकरण और ट्रैफिक सिग्नल के कार्य को गति देगी।
नगर पालिका ने छत्रसाल चौराहे के चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण के लिए नया यातायात भवन गांधी आश्रम मार्ग पर पहले ही तैयार कर दिया था, लेकिन ट्रैफिक पुलिस के स्थानांतरण में देरी के कारण पूरा काम रुका हुआ था। पत्रिका ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उजागर किया था, जिसके बाद प्रशासन और पुलिस महकमा हरकत में आया।
नगर पालिका अधिकारियों ने पुष्टि की है कि अब जब पुरानी यातायात चौकी हटा दी गई है, तो चौराहे पर सडक़ चौड़ीकरण, फुटपाथ निर्माण और ट्रैफिक सिग्नल इंस्टॉलेशन का कार्य जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार, यह कार्य जुलाई के पहले सप्ताह से चरणबद्ध तरीके से शुरू हो सकता है।
यातायात थाना प्रभारी बृहस्पति साकेत ने कहा, हमने नई चौकी में आवश्यक स्थानांतरण की प्रक्रिया पूरी कर ली है। अब छत्रसाल चौराहे का चौड़ीकरण बिना किसी रुकावट के हो सकेगा। यह बदलाव आम नागरिकों के लिए राहत लाएगा। स्थानीय दुकानदारों, राहगीरों और दैनिक यात्रियों ने पत्रिका के प्रयास को सराहा है। उनका कहना है कि अगर मीडिया समय रहते ऐसे मुद्दों को न उठाए, तो योजनाएं अक्सर फाइलों में ही दबकर रह जाती हैं।
छत्रसाल चौराहे पर हर दिन घंटों जाम लगता था। पत्रिका ने इस खबर को उठाया, तभी प्रशासन हरकत में आया। अब उम्मीद है कि जल्द ही यहां से ट्रैफिक भी सुगम होगा और सकें भी बेहतर दिखेंगी। छतरपुर जैसे शहर में ट्रैफिक प्रबंधन सिर्फ नियमों से नहीं, बल्कि जमीन पर ईमानदार क्रियान्वयन से सुधर सकता है। पत्रिका अपने पाठकों की आवाज़ बनकर शहर की समस्याओं को प्रमुखता से उठाता रहेगा और उनके समाधान तक सतत निगरानी रखेगा।